कविता “तुम” लेखक अशोक लव
तुम ज्यों अन्तिम पहर का स्वप्न ज्यों कलम पांखुडी़ पर तुहिन-कण ज्यों बर्षा- धुले आकाश पर इन्द्रधनुष ज्यों तितलियों के पंखों पर अंकित गीत ज्यों मेघों को समर्पित मयूर-नृत्य ज्यों जल-तरगों पर रश्मियों की अठखेलियाँ ज्यों मानसरोवर में उतरना हंसों का ज्यों गंगा का भागीरथ हेतु अवतरण ज्यों शुष्क चट्टानों पर रूई के फाहों – […]
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