“सत्येन्द्र छिब्बर का दृष्टिकोण: हिन्दी की आवश्यकता और महत्ता”

साहित्य जगत
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हिंदी दिवस पर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में हिंदी की सार्थकता लेख सप्ताहिक सबुरी टाइम्स जो ठाणे (मुंबई) में प्रकाशित होता हैं। उसके लेखक सत्येन्द्र छिब्बर जोधपुर राजस्थान हैं उनका
यह लेख “वर्तमान परिप्रेक्ष्य में हिन्दी की सार्थकता” हिन्दी भाषा की महत्ता और उसके व्यापक प्रयोग की ओर ध्यान आकर्षित करता है। लेखक सत्येन्द्र छिब्बर, जोधपुर (राजस्थान) ने सरल और प्रभावी शब्दों में यह समझाया है कि भारत की बहुसंख्यक जनसंख्या चाहे किसी भी प्रदेश से हो, हिन्दी उसे जोड़ने वाली भाषा है। लेख में शिक्षा, शासन, व्यापार और मीडिया में हिन्दी की आवश्यकता और उसकी प्रासंगिकता को स्पष्ट किया गया है।

संक्षेप में, लेखक ने हिन्दी को केवल भाषा न मानकर भारतीय संस्कृति, एकता और आत्मसम्मान का प्रतीक बताया है।

“सत्येन्द्र छिब्बर जी ने अत्यंत सहज और गहन शैली में हिन्दी की महत्ता को प्रस्तुत किया है। उनका दृष्टिकोण न केवल प्रेरणादायी है बल्कि हिन्दी के भविष्य को दिशा देने वाला भी है। समाज में हिन्दी के प्रसार के लिए उनका यह योगदान सराहनीय और अनुकरणीय है”
अशोक दत्ता संपादक मोहयाल मित्रम्

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