डा.अशोक लव के शिक्षाप्रद दोहें

साहित्य जगत
Spread the love

इन दोहों में सभी धर्मों के प्रति आदर,एकता, उपकार,शिक्षा, समय का महत्व आदि के विषय में बताया गया हैं। धरती माता, मित्रों की पहचान और आत्मविश्वास जैसे विषय का महत्व भी दर्शाया गया हैं।

मंदिर मिस्जद गीरजे, हो चाहे गुरूधाम ।
सब में उसका वास है, सब हैं एक समान ।।1।।

मिलकर रहना सीख लें,मिलकर चलना साथ ।
एक एक से जग बने, सबका थामो हाथ ।।2 ।।

चंचल मन चलता चले, घुमे सकल जहान ।
जिसके वश में मन नहीं, भटके वह इन्सान ।।3।।

बोल बोलते हैं सभी, कोयल कौआ मोर ।
सबके मन भाए वही, नही करे जो शोर ।।4।।

मुट्ठी में आकाश है,मन में है संकल्प
साहस से ही सब मिले,इसका नहीं विकल्प ।।5।।

ज्ञानवान तब ही बनें,पढ़ने की जब चाह।
पुस्तक में सबको मिले, जीने की हर राह ।।6।।

समय एक-सा ना रहे, पल पल बदला जाए।
पल में महल अटारियाँ, पल में धूल चटाया ।।7।।

धरती पालनहार है,ममता की है खान।
उपजे इसकी कोख से,फल- फूल अन्न धान ।।8।।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.