करनाल (21मई 2025)
लक्ष्य जनहित सोसाइटी के संस्थापक और समाजसेवी दिनेश बक्शी ने एक बार फिर मानवता की सेवा में अपनी भूमिका निभाते हुए 92वीं बार प्लेटलेट्स दान किए। यह दान उन्होंने उस समय किया जब कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती एक बच्ची की हालत नाजुक थी और प्लेटलेट्स का स्तर महज 3000 रह गया था।
बच्ची के पिता की एक मार्मिक कॉल मिलते ही, दिनेश बक्शी ने बिना एक पल गंवाए अस्पताल पहुंचकर B+ प्लेटलेट्स डोनेट किए। इस निस्वार्थ कार्य से न केवल बच्ची को नई जिंदगी मिली, बल्कि समाज में एक प्रेरणा भी स्थापित हुई।
135 बार रक्तदान और 92 बार प्लेटलेट्स डोनेट कर चुके दिनेश बक्शी ने बताया कि एक स्वस्थ व्यक्ति तीन महीने में एक बार ब्लड डोनेट कर सकता है, जबकि प्लेटलेट्स हर 72 घंटे बाद दान किए जा सकते हैं। उनका कहना है कि प्लेटलेट्स दान करने से शरीर में कोई कमजोरी नहीं आती, बल्कि यह शरीर के पुनर्जीवन की प्रक्रिया को भी सक्रिय करता है।
दिनेश बक्शी ने युवाओं से नशे से दूर रहने और समाजहित में रक्तदान करने की अपील करते हुए कहा,
“नशे की सुई नहीं, रक्तदान की सुई लगवाओ — खुद जियो, औरों को भी जीवन दो।”
उन्होंने युवाओं को वोटर कार्ड के साथ-साथ रक्तदाता कार्ड बनवाने का संदेश देते हुए कहा कि एक वोट राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाता है, वहीं एक रक्तदान किसी की जिंदगी बचा सकता है।
आज जब मानवता की परिभाषा धुंधली होती जा रही है, ऐसे में दिनेश बक्शी जैसे लोगों के कार्य समाज के लिए रोशनी की किरण हैं।