डा.अशोक लव की नई कविता.. अकेले पर्वत

अकेले पर्वत ………डा.अशोक लव सहते हैं बर्फीली शीत तीव्र अंधड़ कंपाते भूकंप, निहारते हैं निरंतर आकाश को, नहीं आने देते निकट निराशाएं। पर्वतों के वक्षस्थलों पर अंकित चिन्ह हैं जीवंत गाथाएं उनके संघर्षों की। बहुत भले लगते हैं एकांत में एकांत को जीते पर्वत!

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“आकांक्षा दत्ता पुणे पुस्तक मेले में स्टोरी टेलिंग के माध्यम से बच्चों को जोड़ेंगी”

पुणे में आयोजित हो रहे पुस्तक मेलें मे जोधपुर की स्टोरी टेलर आकांक्षा दत्ता स्टोरी टेलिंग पर सेशन लेगी।दो हफ्ते तक चलने वाले मेले का उद्घाटन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस 14 दिसंबर को करेंगे इस मेले में देश विदेश के कलाकार भाग ले रहें हैं। आकांक्षा दत्ता ने बताया उनका सत्र 21 दिसंबर को […]

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कविता “तुम” लेखक अशोक लव

तुम ज्यों अन्तिम पहर का स्वप्न ज्यों कलम पांखुडी़ पर तुहिन-कण ज्यों बर्षा- धुले आकाश पर इन्द्रधनुष ज्यों तितलियों के पंखों पर अंकित गीत ज्यों मेघों को समर्पित मयूर-नृत्य ज्यों जल-तरगों पर रश्मियों की अठखेलियाँ ज्यों मानसरोवर में उतरना हंसों का ज्यों गंगा का भागीरथ हेतु अवतरण ज्यों शुष्क चट्टानों पर रूई के फाहों – […]

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डा.नीना छिब्बर और आकांक्षा दत्ता को मिला: राष्ट्रीय बाल साहित्य पुरस्कार

जोधपुर: बीते दिनों राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर और सलिला संस्था सल्ंबर के संयुक्त तत्वावधान में 15 वां राष्ट्रीय बाल साहित्यकार सम्मेलन उदयपुर के विज्ञान समिति में आयोजित किया गया। इसमें अखिल भारतीय आलेख प्रतियोगिता में जोधपुर की डा.नीना छिब्बर को पौराणिक पात्र वर्ग में विजेता और बेटी आकांक्षा दत्ता को ” भोजन और व्यायाम” वर्ग […]

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एकांतवास में जिंदगी : अशोक लव

नई दिल्ली : अशोक लव का ”एकांतवास में जिंदगी ” का दूसरा संस्कार हाल ही में प्रकाशित हुआ हैं। ● भूमिका : योगराज प्रभाकर (संपादक~लघुकथा कलश) ● 60 लघुकथाएँ ●आलेख •केशव मोहन पांडेय •डॉ. मनोज तिवारी •यशपाल निर्मल ● समीक्षाएँ •अनिता रश्मि•ज्ञानप्रकाश पीयूष •डॉ. नीना छिब्बर ●समर्पण : रवि प्रभाकर (उपसंपादक -लघुकथा कलश) कीर्तिशेष

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हिन्दी दिवस विशेष :- उच्च न्यायिक प्रक्रिया में हिंदी की उपेक्षा चिंतनीय: गोपाल कृष्ण छिब्बर

हिन्दी दिवस पर विशेष लेख जाने माने वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल कृष्ण छिब्बर ने ” उच्च न्यायिक प्रक्रिया में हिन्दी की उपेक्षा पर अपने विचार रख रहे हैं। हमें संकल्प लेना चाहिए अपनी मातृभाषा को प्रफुल्लित करना चाहिए इससे राष्ट्रीय एकता को मजबूती मिलेगी । स्वतंत्रता का अमृतकाल हो चुका है परंतु उच्च न्यायिक प्रक्रिया में […]

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हिन्दी भाषा की उपेक्षा क्यों ?…सत्येन्द्र छिब्बर,

आधुनिक भारत में हिन्दी संपर्क भाषा के रुप में जानी जाती है। समग्र राष्ट्र के बड़े हिस्से के लोग इस भाषा को बोल व समझ सकते है। हिन्दी बोलने व समझने वालों की दृष्टि में यह विश्व की भाषाओं में तीसरे स्थान पर आती है। हिन्दी की ग्राह्य क्षमता और सरलता ने ही इसे संपर्क […]

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डॉ नीना छिब्बर को :सर्व भाषा साहित्यकार सम्मान

जोधपुर : अखिल भारतीय साहित्य परिषद जोधपुर के तत्वावधान में श्री गुरु पूर्णिमा उत्सव(महर्षि वेद व्यास जयंती) के अवसर पर दिनांक 25/7/24को श्यामा प्रसाद मुखर्जी भवन में सर्वभाषा साहित्यकार सम्मान आयोजित किया गया। विशिष्ट अतिथि श्री श्री 1008 डॉ.स्वामी शिवस्वरूपानंद‌ जी सरस्वती, मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ.म़गलाराम बिश्नोई अध्यक्ष श्री लालाराम प्रजापत मंच पर थे। विशिष्ट […]

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पितृ दिवस विशेष: मेरे लिए गुडिया ना लाना पर पापा जल्दी आ जाना: जीके छिब्बर

मेरे लिए गुडिया ना लाना पर पापा जल्दी आ जाना यह आंनद बक्शी का,पिता बच्चों के संबंधों का मार्मिक फिल्मी गीत। हमारी संस्कृति में माता पिता का दिन तो प्रत्येक दिन होता हैं लेकिन आज के युग में परिवार का महत्व वह नही रहा दादा दादी, नाना नानी, भुवा,मौसी,मामा मामी, चाचा चाची,ताया ताई के रिश्ते […]

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