तुम
ज्यों
अन्तिम पहर का स्वप्न
ज्यों
कलम पांखुडी़ पर तुहिन-कण
ज्यों
बर्षा- धुले आकाश पर इन्द्रधनुष
ज्यों
तितलियों के पंखों पर अंकित गीत
ज्यों
मेघों को समर्पित मयूर-नृत्य
ज्यों
जल-तरगों पर रश्मियों की अठखेलियाँ
ज्यों
मानसरोवर में उतरना हंसों का
ज्यों
गंगा का भागीरथ हेतु अवतरण
ज्यों
शुष्क चट्टानों पर रूई के फाहों – सा हिमपात
ज्यों
भोथ- पत्रों पर अंकित ऋचाएँ
ज्यों
साधक मन में आलोकित दिव्य-प्रकाश।
