5 अक्तूबर 2025 को जम्मू में हुए मोहयाल मेले में द्राबा के इंजीनियर चौधरी पुनीत दत्ता ने अपने विचार एक कविता में प्रस्तुत किए। कविता का शीर्षक था “आज मोहाली मेला है ”
आज मोहयाल मेला है
आज मोहयाल मेला है
सप्त ऋषियों के जाए सब,
आज मेले में आए सब ।
नमन ऋषियों को कर जाओ सब,
आज मोहयाल मेला है।
मिलन आज भाइयों का भरत-मिलाप जैसा है,
लक्ष्मण राम बन जाओ,
आज मोहयाल मेला है।
सात ऋषियों के मनकों की यह मोहयाल माला है,
उनकी शक्ति और भक्ति की यह धधकती ज्वाला है।
शत्रु का काल बन जाओ,
आज मोहयाल मेला है।
पावन दिव्य मोहयाल जात,
मोहयाल एक अर्थ सात।
अर्थ यह सबको समझाओ,
आज मोहयाल मेला है।
कभी-कभी रूठ जाना भी मानव की फितरत है,
आज रूठे मनाओ सब,
आज मोहयाल मेला है।
ऊंची करणी मोहयालों की,
कभी “रा” भट्ट गाते थें ।
ढोल नगाड़े मोहयालों की
नगमी राग गा रहे हैं।
मोहयाली शान से गाओ —
वह दिन रात गाते थे,
वह गाथाएँ बच्चों को गाओ —
आज मोहयाल मेला है।।
मोहयाल सब अपने हैं,
यहाँ न कोई पराया है।
दुई का भेद मिटाओ,
आज मोहयाल मेला है।।
जीवन के हर क्षेत्र में
मोहयालों ने वह करतब दिखाए हैं।
मानवता के मार्गदर्शन में
चार-चाँद लगाए हैं।
धन्य-धन्य उन्हीं को जाओ —
आज मोहयाल मेला है।।
एक महाकाव्य हैं, एक नीति उनकी,
शान भवन में छलकती है दीप्त गरिमा उनकी।
शीर्ष चरणों में झुक जाओ —
आज मोहयाल मेला है।।
उनका जीवन महानायक,
मानवता को यह संदेश देना है।
सामंजस्य, शक्ति, भक्ति के
अमूल्य सन्देश देना है।
सार्थक ही समझ जाओ —
आज मोहयाल मेला है।।
धन्य मोहयाल सभा जम्मू,
मोहयाल मेला सजाया है।
दूर-दूर से आए मोहयाल,
भाईचारे को मिलाया है।
मिलकर गीत गाओ सब —
आज मोहयाल मेला है।।
मोहयाल भाइयों से निवेदन का एक सुझाव रखता हूँ।
एक में सात रंग, लेकिन भाव मात्र रखता हूँ।
सात रंगों में रंग भर एक पगड़ी पहन कर आओ,
सातों में हम देखेंगे सब पहचान अपनी दिखलाओ।
सातों के समूह का सब फोटो खिंचवाओ,
आज मोहयाल मेला है।
मोहयाल सभा देशभर, सबको नमस्कार करती है।
“ज़रा सात रंगों का अपने मन में भरती है।”
पुनीत दत्ता मैं भी आप सबको प्रणाम करता हूँ।
मोहयाली एकता का गीत सबके नाम करता हूँ।
मोहयाली नशा के खुमार से घर झूमते आओ,
मोहयाली गीत सुनाओ और बच्चों के मुंह चूमते गाओ।
आज मोहयाल मेला है।
“जय मोहयाल”
इस चित्र में दायं से बाये जीएमएस अध्यक्ष विनोद कुमार दत्त, रिटायर लैक्चरार चौधरी अविनाशी लाल दत्ता इंजीनियर पुनीत दत्ता द्राबा जिला पुंछ।