हिन्दी भाषा की उपेक्षा क्यों ?…सत्येन्द्र छिब्बर,

आधुनिक भारत में हिन्दी संपर्क भाषा के रुप में जानी जाती है। समग्र राष्ट्र के बड़े हिस्से के लोग इस भाषा को बोल व समझ सकते है। हिन्दी बोलने व समझने वालों की दृष्टि में यह विश्व की भाषाओं में तीसरे स्थान पर आती है। हिन्दी की ग्राह्य क्षमता और सरलता ने ही इसे संपर्क […]

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डॉ नीना छिब्बर को :सर्व भाषा साहित्यकार सम्मान

जोधपुर : अखिल भारतीय साहित्य परिषद जोधपुर के तत्वावधान में श्री गुरु पूर्णिमा उत्सव(महर्षि वेद व्यास जयंती) के अवसर पर दिनांक 25/7/24को श्यामा प्रसाद मुखर्जी भवन में सर्वभाषा साहित्यकार सम्मान आयोजित किया गया। विशिष्ट अतिथि श्री श्री 1008 डॉ.स्वामी शिवस्वरूपानंद‌ जी सरस्वती, मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ.म़गलाराम बिश्नोई अध्यक्ष श्री लालाराम प्रजापत मंच पर थे। विशिष्ट […]

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पितृ दिवस विशेष: मेरे लिए गुडिया ना लाना पर पापा जल्दी आ जाना: जीके छिब्बर

मेरे लिए गुडिया ना लाना पर पापा जल्दी आ जाना यह आंनद बक्शी का,पिता बच्चों के संबंधों का मार्मिक फिल्मी गीत। हमारी संस्कृति में माता पिता का दिन तो प्रत्येक दिन होता हैं लेकिन आज के युग में परिवार का महत्व वह नही रहा दादा दादी, नाना नानी, भुवा,मौसी,मामा मामी, चाचा चाची,ताया ताई के रिश्ते […]

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आकांक्षा दत्ता की कविता “शुन्य” चयनित हुई : मिला संमान पत्र

“शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल द्वारा आयोजित “अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी कविता प्रतियोगिता 2024 में आकांक्षा दत्ता गुरूग्राम की कविता चयनित हुई और सम्मान पत्र प्रदान किया गया।” यह आकांक्षा दत्ता को “शुन्य” कविता पर मिला है। शीर्षक:- शुन्य बस एक शुन्य हूँ मैं , ना आदि है ना अंत। ना शरीर है ना आत्मा , […]

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ऋचा वैद की कविता “अच्छा हुआ” चयनित हुई : मिला संमान पत्र

“शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल द्वारा आयोजित “अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी कविता प्रतियोगिता 2024 में श्रीमती ऋचा वैद , दिल्ली की कविता चयनित हुई और सम्मान पत्र प्रदान किया गया।” यह श्रीमती ऋचा वैद‌ को “अच्छा होगा”कविता पर मिला है। शीर्षक:- अच्छा होगा कहते हैं जो होगा अच्छा होगा सुना है टूट गए हो तुम शायद […]

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डा.अशोक लव के शिक्षाप्रद दोहें

इन दोहों में सभी धर्मों के प्रति आदर,एकता, उपकार,शिक्षा, समय का महत्व आदि के विषय में बताया गया हैं। धरती माता, मित्रों की पहचान और आत्मविश्वास जैसे विषय का महत्व भी दर्शाया गया हैं। मंदिर मिस्जद गीरजे, हो चाहे गुरूधाम । सब में उसका वास है, सब हैं एक समान ।।1।। मिलकर रहना सीख लें,मिलकर […]

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गुरु वंदना : डा. अशोक लव

मोहयाल मित्रम्: डा.अशोक लव से आप सभी परिचित होगें इन्होंने मोहयाल मित्र के संपादक रहतें हुए , मोहयाल मित्र को जन जन की भाषा हिन्दी को जनप्रिय बनाने के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता ।कभी एक-दो पेज मोहयाल मित्र के हिंदी विभाग में हिंदी भाषा में प्रकाशित हुआ करते थें । डा.अशोक लव ने […]

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सृजना राजस्थान की प्रमुख साहित्यिक संस्था : सतेंद्र छिब्बर

सृजना इस समय प्रदेश की प्रमुख साहित्यिक संस्था है जिसने पिछले कई वर्षो से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर दर्शकों और पाठकों की एक लंबी परंपरा का निर्माण किया है। सृजना रचनात्मक कार्य कर समाज को बेहतर बनाने की दिशा में अनवरत सक्रिय है नवांकुर कवियों की रचनाओं का निःशुल्क प्रकाशन इसी अनवरत की एक […]

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