स्वर्गीय श्रीमती लीला रानी दत्ता को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

श्रद्धांजलि
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भावपूर्ण श्रद्धांजलि
स्वर्गीय श्रीमती लीला रानी दत्ता
(पत्नी स्वर्गीय श्री केवल कृष्ण दत्ता)
स्वर्गीय श्रीमती लीला रानी दत्ता, जिन्होंने जीवनभर अपने परिवारिक दायित्वों को अत्यंत निष्ठा, प्रेम और धैर्य के साथ निभाया, 09 दिसंबर को प्रभु चरणों में विलीन होकर सदैव–सदैव के लिए स्मृति–सागर में अविस्मरणीय छाप छोड़ गईं।
वे सरल स्वभाव, मातृत्व स्नेह और पारिवारिक मूल्यों की जीती–जागती प्रतिमूर्ति थीं।
लगभग चालीस वर्ष पूर्व पति के देहांत के बाद उन्होंने अपने बेटों और बेटियों का पालन–पोषण जिस दृढ़ता, त्याग और संस्कारों के साथ किया, वह अत्यंत प्रेरणादायक है। कठिन परिस्थितियों के बीच उन्होंने बच्चों को न केवल उच्च शिक्षा उपलब्ध कराई, बल्कि जीवन के नैतिक मूल्यों से भी समृद्ध किया। उनकी ही सीख के कारण आज सभी संतानें सुखमय और सम्मानपूर्ण जीवन व्यतीत कर रही हैं।
19 दिसंबर को महालक्ष्मी मंदिर में आयोजित रस्म पगड़ी एवं श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में सगे–संबंधियों, मित्रों और दत्ता परिवार के शुभचिंतकों ने उनकी दिव्य स्मृति को नमन किया।
स्थानीय मोहयाल सभा के प्रधान श्री नंद लाल वैद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री जी.के. बाली, महासचिव श्री एस.के. दत्त, सचिव श्री अशोक दत्ता, वित्त सचिव श्री अश्विनी मेहता, कार्यकारिणी सदस्य श्री उकेश बख्शी, श्री हर्ष मोहन, श्री ओ.पी. लौ, श्री विजय दत्ता, श्री सतीश मेहता, तथा महिला विंग से श्रीमती प्रवीण दत्ता, श्रीमती कृष्णा मोहन, श्रीमती नीना मेहता ने पुष्पांजलि अर्पित कर दिवंगत आत्मा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
सभी ने ईश्वर से प्रार्थना की कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकग्रस्त परिवार को इस असहनीय दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
माताश्री अपने पीछे
बेटा– राजीव दत्ता, पुत्रवधू– नीरज दत्ता,
पोते– ध्रुव दत्ता, प्रियांशु दत्ता,
बेटा– कमल दत्ता, पुत्रवधू– संजना दत्ता,
पोता– युगम दत्ता, पोती– रिया दत्ता,
और बेटी– रजनी दत्ता
को छोड़ गई हैं।
माताश्री का आशीर्वाद सदैव समस्त परिवार पर बना रहेगा। उनके दिए संस्कार, उनका धैर्य, उनकी सरलता और उनका मातृत्व प्रेम—दत्ता परिवार की दिशादर्शक शक्ति के रूप में सदा प्रेरणा देता रहेगा।
राजीव दत्ता एवं नीरज दत्ता स्थानीय मोहयाल सभा में सक्रिय भूमिका निभाते हुए माताश्री की मूल्य–परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। माताजी की पावन स्मृति में जालंधर मोहयाल सभा को दान स्वरूप एक हजार रुपए सभा फंड में भेंट किए।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।
भावपूर्ण श्रद्धांजलि ।

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