यमुनानगर।
आज देहदानी एवं समाजसेवा के प्रतीक स्वर्गीय श्री कृष्ण गोपाल दत्ता जी की पुण्यतिथि पर परिवार, समाज एवं विभिन्न संगठनों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। वर्ष 2025 में देवलोक गमन करने वाले दत्ता जी मूलतः जिला झेलम के निवासी थे। आपका जन्म मारा कू, रावलपिंडी स्थित ग्राम में हुआ, जहां आपके पड़दादा मैहता दीनानाथ दत्ता जी पटवारी के पद पर कार्यरत थे। आपके पिता श्री रघुनाथ दत्ता जी विभाजन के समय रादौर (यमुनानगर) आकर बस गए थे।
संगठनात्मक जीवन की शुरुआत आपने रावलपिंडी में बाल स्वयंसेवक के रूप में की। राष्ट्रवादी विचारों से ओत-प्रोत दत्ता जी जीवन पर्यन्त संघ कार्य से जुड़े रहे और जिस भी दायित्व का निर्वहन उन्हें सौंपा गया, उसे पूर्ण निष्ठा के साथ निभाया।
आप राम जन्मभूमि आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़े रहे तथा अयोध्या जाकर योगदान दिया। अपने अंतिम समय में भी आप सेवा भारती से जुड़े रहे और समाजसेवा को ही जीवन का मूल मंत्र माना।
साल 2002 में आपके द्वारा शुरू किया गया सिविल अस्पताल यमुनानगर में दूध-चाय वितरण प्रकल्प आज भी सेवा का अमिट उदाहरण बनकर निरंतर जारी है। मृत्यु उपरांत नेत्रदान को आपने जिला यमुनानगर में एक आंदोलन का स्वरूप प्रदान किया और स्वयं देहदान कर समाज में अद्वितीय संदेश छोड़ा।
आपकी प्रेरणा से आपका परिवार भी संस्कारों की परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। आपके बड़े पोते गुलमहक ने जेतौ पंजाब से ITC पूरा किया तथा छोटे पोते ने हिसार से प्रथम वर्ष वर्ग पूरा किया। आपकी पुत्रवधू भी राष्ट्रीय सेविका समिति से जुड़ कर समाज कार्य में सक्रिय हैं।
परिवार ने प्रभु से प्रार्थना करते हुए कहा कि—
“हे प्रभु, हमें हुतात्मा श्री कृष्ण गोपाल दत्ता जी द्वारा दिखाए गए राष्ट्र, समाज और सेवा के मार्ग पर दृढ़तापूर्वक चलने की शक्ति प्रदान करें।”
आपकी सेवाएं और मूल्य युगों तक प्रेरणा देते रहेंगे।
विनम्र श्रद्धांजलि।


