ममतामयी मां कृष्णा वंती छिब्बर की पुण्य स्मृति में– ” छिब्बर परिवार की अनुकरणीय विरासत “

श्रद्धांजलि
Spread the love

19 दिसंबर 2014… आज से ठीक ग्यारह वर्ष पूर्व छिब्बर परिवार की पूजनीय मातृशक्ति श्रीमती कृष्णा वंती छिब्बर, पत्नी स्वर्गीय सूबेदार इकबाल सिंह, इस संसार से अचानक विदा हो गई थीं। 15 जून 1925 को जन्मी माँ कृष्णा वंती अपने जीवन में सरलता, त्याग और मातृत्व की ऐसी छाप छोड़ी, जो आज भी उनके परिवार को एक सूत्र में बाँधे हुए है।

मस्तिष्काघात के कारण उनके निधन ने पूरे छिब्बर परिवार को शोक में डुबो दिया, परंतु उनके दिए संस्कारों की उजली विरासत आज भी परिवार की शक्ति है।

उनके तीनों सुपुत्र—

श्री रमेश छिब्बर (पत्नी श्रीमती कामिनी छिब्बर)

कर्नल योगेश छिब्बर (पत्नी श्रीमती उषा छिब्बर)

श्री सुभाष छिब्बर (पत्नी श्रीमती आशा छिब्बर)

आज अपने-अपने परिवारों के साथ समृद्ध, संगठित और आदर्श जीवन का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।

पोतों-पोतियों व नाती-नातिनों—रजान छिब्बर, कर्नल पराग छिब्बर, मोनिका, पूजा, ज्योति—सभी ने अपने जीवन में सफलता के नए अध्याय लिखे हैं और अब उनके बच्चे भी विद्यालय और विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

परिवार में सबसे छोटे सदस्य श्री दीपक छिब्बर, पुत्र श्री सुभाष छिब्बर, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कार्यरत हैं और अपने माता–पिता के साथ रहकर परिवार की परंपरा और मूल्यों को आगे बढ़ा रहे हैं।

श्रीमती कृष्णा वंती भले ही शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हैं, पर उनकी ममता, आशीष और संस्कार आज भी पूरे छिब्बर परिवार की ढाल और दिशा बने हुए हैं।

उनके पुत्र सुभाष छिब्बर प्रधान मोहयाल सभा पंचकुला, सदस्य मैनेजिंग कमेटी जीएमएस नई दिल्ली का कहना हैं।

“हमारी माता चली गईं पर उनका आशीर्वाद आज भी हमारे हर कदम का प्रकाश है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published.