जालंधर: (5 दिसंबर 2025)
श्रीमती उर्मिल बाली धर्मपत्नी स्वर्गीय श्री अमृत लाल बाली का 26 नवंबर 2025 को आकस्मिक निधन हो गया। उनके निधन से न केवल बाली परिवार, बल्कि समस्त मोहयाल समाज में अपूर्णीय क्षति हुई । स्वर्गीय उर्मिल बाली जी अत्यंत सरल, धर्मपरायण, स्नेहमयी एवं परिवारनिष्ठ महिला थीं। उनका संपूर्ण जीवन त्याग, संस्कार, सेवा और सदाचार की प्रेरणा रहा। उन्होंने अपने जीवनकाल में परिवार को श्रेष्ठ संस्कारों की अमूल्य धरोहर दी।
धार्मिक और सामाजिक कार्यों में उनकी विशेष रुचि रही। उन्होंने जुलाई 2024 में मोहयाल आश्रम, हरिद्वार में अपने पति स्व. श्री अमृत लाल बाली की पावन स्मृति में नवनिर्मित भवन में एक कमरे के निर्माण हेतु जनरल मोहयाल सभा को तीन लाख रुपये का सहयोग प्रदान किया, जो उनके सेवाभाव और समाज के प्रति समर्पण का जीवंत उदाहरण है।
स्वर्गीय उर्मिल बाली जी की रस्म पगड़ी एवं श्रद्धांजलि सभा 5 नवंबर 2025 को स्थानीय गीता मंदिर में आयोजित की गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में संबंधी, मित्रजन एवं मोहयाल समाज के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। श्रद्धांजलि सभा में स्थानीय मोहयाल सभा के प्रधान श्री नंद लाल वैद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री जी.के. बाली, सचिव श्री अशोक दत्ता, वित्त सचिव श्री अश्विनी मेहता, सदस्य श्री अजय दत्ता, श्री नरेश मेहता, श्री ओ.पी. शर्मा (लौ) सहित अन्य सदस्यों ने पुष्पांजलि अर्पित कर दिवंगत आत्मा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी तथा ईश्वर से प्रार्थना की वे पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोक संतप्त परिवार को यह अथाह कष्ट सहने की शक्ति प्रदान करें।
स्वर्गीय उर्मिल बाली जी अपने पीछे पुत्र श्री राकेश बाली, पुत्रवधु श्रीमती किरण बाली, पोता केतन बाली तथा पुत्री श्रीमती रेनू दत्ता को छोड़ गई हैं। उनके निधन के उपरांत समस्त कर्मकांड विधि-विधान से संपन्न किए गए।
श्रद्धांजलि सभा के उपरांत पुत्र श्री राकेश बाली ने माता जी की पावन स्मृति में धार्मिक स्थलों में दान स्वरूप धनराशि अर्पित की तथा जालंधर मोहयाल सभा को दो हजार रुपये की धनराशि भेंट की।
स्वर्गीय श्रीमती उर्मिल बाली जी का संपूर्ण जीवन समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उनका स्नेहिल स्वभाव, सेवाभाव और धार्मिक आस्था सदैव स्मरणीय रहेंगे।
मोहयाल मित्रम्


