जेपी मैहता जी, जिन्हें जोगिंदर पाल लौ के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने देश, समाज और समुदाय के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने भारतीय वायु सेना में सितंबर 1961 से 30 सितंबर 1982 तक सेवा की और इसके बाद हरियाणा के समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत हरियाणा महिला विकास कल्याण के जिला प्रबंधक के तौर पर कार्य किया।
उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि उन्होंने हरियाणा के मोहयालों को संगठित करने की मुख्य भूमिका में रहे। मोहयाल सभा अंबाला शहर के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने युवा पीढ़ी को मोहयाल समुदाय (बिरादरी) के साथ जोड़ा।
उनकी सेवाओं के लिए उन्हें कई सम्मान मिले, जिनमें मोहयाल समुदाय की सर्वोच्च संस्था जीएमएस द्वारा 125वें स्थापना दिवस पर “लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड” और 17 अप्रैल 2022 को अंबाला शहर में जीएमएस द्वारा आयोजित समारोह में “मोहयाल गौरव पुरस्कार” शामिल हैं।
उनकी महानता का प्रमाण यह है कि उन्होंने मरणोपरांत अपना पार्थिव देह भी पीजीआई चंडीगढ़ को चिकित्सक अनुसंधानकर्ताओं के लिए दान कर दिया। उनके पार्थिव शरीर को उनके बेटे संदीप मैहता और जीएमएस प्रबंधक कमेटी के सदस्य सुभाष छिब्बर ने पीजीआई चंडीगढ़ को सौंप दिया।
महान आत्मा जेपी मैहता जी को हमारी ओर से और जालंधर मोहयाल सभा की ओर से भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को इस दुखद घड़ी में साहस और शक्ति मिले।
अशोक दत्ता सचिव ,जालंधर मोहयाल सभा
अध्यक्ष नंद लाल वैद, वरि.उपाध्यक्ष जीके बाली, महासचिव एसके दत्त, वित्त सचिव अश्विनी मैहता एवं समस्त सदस्यगण।