तारीफ के काबिल है मोहयाल आश्रम वृन्दावन : संदीप छिब्बर

मोहयाल भवन
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अभी इसी महीने 9 सितम्बर को मुझे परिवार सहित मथुरा वृन्दावन जाने का मौका मिला। हम 13 लोग थे जिसमे जालंधर से मैं संदीप छिब्बर और मेरा परिवार पत्नी अनु छिब्बर, बेटी अंशु छिब्बर, बेटा स्वप्निल छिब्बर , बहन मीनाक्षी शर्मा (छिब्बर), जीजा जी अजय शर्मा, भांजी रुशाली शर्मा और भांजा आर्यन शर्मा गए थे और फरीदाबाद से मेरी मौसी नीलम बाली , उनका बेटा प्रिंस बाली , बहू पूजा बाली , पौती हर्षिका और आस्था हमारे साथ आये थे। इस आनंदमयी और यादगार यात्रा के दौरान हमें वृंदावन में मोहयाल आश्रम में रहने का सौभागय मिला जो सच में बेहद अच्छा और संतोषजनक अनुभव रहा। मैं मोहयाल आश्रम वृन्दावन में पहले भी रुक चूका हु लेकिन इस बार वहां की सभी सुविधाएं पहले से भी और बेहतर और सम्पूर्ण थी। वहां पर रिसेप्शन,लॉन ,पार्किंग एरिया,लिफ्ट,लॉबी ,कमरे ,भोजन कक्ष सभी बेहद सुन्दर थे। हलाकि वहां कुछ टाइल्स लगने और मुरम्मत का काम चल रहा था पर फिर भी वहां बेहद सफाई थी। निर्माण सामग्री भी बेहद सुनियोजित तरीके से रखी गयी थी और निर्माण कार्य भी ऐसे चल रहा था, कि किसी को असुविधा ना हो। वहां हमने 6 कमरे लिये (5 डबल बेड वाले और 1 ट्रिप्पल बेड वाला ) सभी कमरे बेहद सुन्दर और साफ़ थे सभी में ऐ सी और टीवी ठीक चल रहे थे और चादरें , तकिये ,कम्बल ,टॉवेलस सभी साफ़ और अच्छी क्वालिटी के मौजूद थे। बाथरूम्स में भी बाल्टी मग साबुन सब मौजूद थे। कमरे में ठंडा पानी और गिलास उपलब्ध थे तथा सभी स्विचेस और चार्जिंग पॉइंट्स प्रॉपर काम कर रहे थे। हम लगभग 12 बजे वहां पहुंचे थे और हमने थोड़ा विश्राम करने के बाद वहां लंच किया। लंच सच में शानदार था और बेहद सुनियोजित तरीके से परोसा गया। दाल ,आलू मटर की सब्जी , अरबी की सब्जी , रायता ,पापड़ ,सलाद,चटनी ,अचार और साथ में मालपुआ की स्वीट डिश , सच में देखते ही मुंह में पानी आ गया और वैसे भी भूख लगी हुई थी। सब ने खाने का बहुत लुत्फ़ उठाया। सबने खाने की बहुत तारीफ की और स्पेशली मेरे जीजा जी ने,जो की वृंदावन में पहली बार मोहयाल आश्रम में रुके थे। सच में इतना स्वादिष्ट , भरपूर व्यंजन, साफ़ तरीके से पकाया गया और मन के साथ परोसा गया खाना बहुत ही कम जगह नसीब होता है , ऐसी सुविधाओं के लिए वहां के भोजन प्रबंधक ठेकेदार , रसोइयों और मुख्तय रूप से जनरल मोहयाल सभा को दिल से धन्यवाद। उसके बाद हम वृन्दावन घूमने गए और वहां के सभी मुख्य मंदिरो के दर्शन किये। मंदिरो के बारे में जानने के लिए भी मोहयाल आश्रम में सुचनापट लगाए गए हैं जिनसे प्लांनिंग करने में काफी मदद मिलती है और वहां का स्टाफ भी काफी जानकार और मददगार है तथा आपके पूछने या रूचि जताने पर पूरी जानकारी उपलब्ध कराता हैं तथा टैक्सी या ऑटो उपलब्ध करने में भी काफी मदद करता है। हमारा मोहयाल आश्रम वृन्दावन में सबसे सुविधा जनक और बेहतर स्थान पर स्थित है , ये आश्रम वृंदावन की मुख्य सड़क जिसे श्री कृपालु महाराज जी मार्ग या भक्ति वेदांता स्वामी मार्ग भी कहते है, पर स्थित आश्रम विहार के अंदर है। ये पूरा एरिया ही बेहद सुन्दर, हरियाली भरा और शांत हैं तथा इसके साथ ही मशहूर ओमैक्स सिटी भी स्थित हैं। होटल बेस्ट वेस्टर्न भी आश्रम विहार के अंदर ही है और मोहयाल आश्रम के बिलकुल पास है। हालाँकि हम अपनी कारों में गए थे पर क्यूंकि हमारा आश्रम बहुत ही बेहतरीन जगह पर स्थित है इसलिए हमने कारों को वही छोड़ दिया और हर जगह घूमने के लिए ऑटोस का यूज़ किया। वैष्णो देवी मंदिर , प्रेम मंदिर, इस्कॉन मंदिर ,श्री चंद्रोदय मंदिर, पागल बाबा का मंदिर तो आश्रम से वाकिंग डिस्टेंस पर ही हैं और अगर ऑटो से जाना हो तो वो भी आसानी से मिल जाते है। बांके बिहारी मंदिर, निधि वन , श्री रंग जी मंदिर , चीर घाट , पुरानी कालीदह मंदिर , यमुना कोसी घाट को भी आसानी से ऑटो या रिक्शा मिल जाते हैं तथा सभी मंदिर और पर्यटन स्थल घूमने या पूरी वृंदावन परिकर्मा के लिए भी आप काफी सस्ते रेट पर यहाँ से कोई भी साधन ले सकते हैं। यहाँ से गोवर्धन , मथुरा , गोकुल , बरसाना और नंदगांव जाना भी बेहद आसान है और सभी जगह के लिए हर तरह के साधन मौजूद हैं। आश्रम में तो खाना बहुत ही अच्छा है फिर भी अगर आप चाहो तो पास ही हर तरह के रेस्टोरेंट्स हैं जहाँ पर इंडियन, चाइनीज़ और फ़ास्ट फ़ूड बहुत ही अच्छा मिलता है। पास ही हर तरह की होटल्स , बैंक्स ,ऐ टी एम , वेंडर्स , शॉपिंग एरियाज, मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हैं और हर चीज़ आसानी से मिल जाती है। इस आश्रम में हमने रात का खाना भी खाया , वो भी बहुत स्वादिष्ट था और सुबह को नाश्ता भी किया। हमारे सब लोगो ने होटल के स्टाफ और भोजन प्रबंधन करने वाले को दिल धन्यवाद कहा। यहां रात को हमें श्री चन्दर मोहन बक्शी जी भी मिले जो जालंधर से हैं और यहाँ रुके हुए थे। उनको मिल कर भी बहुत ही ख़ुशी हुई। कुछ और मोहयाल और नॉन मोहयाल भी मिले जो यहाँ रुके हुए थे , और सब लोग यहाँ की सुविधाओं और भोजन व्यव्य्स्था से संतुष्ट और प्रसन्न दिखे। हमें गर्व है हमारे पूर्व प्रधान स्वर्गीय श्री बी डी बाली जी पर जिन्होंने हम मोहयालों को ऐसी जगह प्रदान की जिस में मोहयाल आराम से रुक और रह सके। साथ ही साथ वर्तमान प्रधान श्री विनोद दत्त जी को भी नमन जो उनकी विरासत और सोच को ही आगे बढ़ा रहे है और मोहयाल बिरादिरी का नाम पूरे समाज और देश विदेश में ऊंचा हो रहा है। और साथ ही साथ यह आशा भी है की और कई और स्थानों पर भी मोहयाल भवनों का निर्माण होगा ताकि हम सब मोहयाल अपनी यात्रा के दौरान सुरक्षित और उपयुक्त स्थानों पर रह सके। आप सब से प्राथना भी है की आप सब जब भी वृन्दावन या हरिद्वार जाये ,मोहयाल भवन में ही रुकें।
आपका मोहयाल भाई
संदीप छिब्बर

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