मोहयाल सभा (पश्चिम क्षेत्र) नई दिल्ली द्वारा भाई मतिदास की स्मृति में ; भंडारे का आयोजन

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“आस्था भय से परे – विरासत जीवन से परे”

नई दिल्ली 9 नवंबर : साहस और बलिदान की विरासत- शहीद भाई मतिदास जी के अद्वितीय बलिदान, पीढियों के लिए प्रेरणा के स्रोत, अपने विश्वास और सिध्दांतों पर दृढ़ और सत्य के प्रति समर्पण की भावना के सम्मान को याद करते हुए मोहयाल सभा (पश्चिम क्षेत्र) नई दिल्ली ने श्रद्धांजलि अर्पित की व उनकी स्मृति में विशाल भंडारे का आयोजन किया।

जिसमें भारी संख्या में लोगों ने प्रसाद को ग्रहण किया।
भाई मतिदास सिख इतिहास के सर्वश्रेष्ठ शहीदों में गिने जाते हैं। भाई मतिदास मोहयाल ब्राह्मण, जाति छिब्बर से थे। भाई जी का जन्म जिला जेहलम के गांव करियाला पाकिस्तान में हुआ । उस समय के क्रूर शासक औरंगज़ेब इस्लाम का विस्तार कर रहा था उसके आदेश न मानने वालों को अनेक यातनाएं और प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवा रहा था । औरंगज़ेब के आदेश न मानने पर भाई मतिदास एवं उनके छोटे भाई सतिदास और भाई दयाला जी नौवें गुरु तेगबहादुर जी के साथ शहीद हुए थे।


भाई मतिदास को इस्लाम धर्म स्वीकार न करने पर औरंगज़ेब के आदेश से दिल्ली के चांदनी चौक में 9 नवंबर 1675 को लकडी के तख्तों में जकड़ कर आरे से चीर दिया गया था।
समाचार प्रस्तुति: चंद्र शेखर छिब्बर, महासचिव मोहयाल सभा (पश्चिम क्षेत्र) नई दिल्ली।

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