धर्म रक्षा हेतु शहादत देने वाले गुरू सेवक भाई मतिदास के छोटे भाई सतिदास ने भी हठधर्मी क्रूर शासक औरंगज़ेब के इस्लाम धर्म स्वीकार करने के आदेश को अपने भाई मतिदास की तरह हर प्रलोभन को ठुकरा कर इस्लाम धर्म को मानने से इंकार कर दिया तो अगले दिन औरंगज़ेब ने फरमान जारी किया और भाई सतिदास को (10 नवंबर 1675) को रूई लपेटकर और उस पर तेल डालकर आग लगा दी गई । भाई सतिदास ने अपनें गुरु तेगबहादुर के संमुख अपने प्राणों की आहुति धर्म रक्षा हेतु दी। हम सभी भाई सतिदास जी की शहादत को कोटि कोटि नमन करतें हैं
