शेखूपुरा नगर लाहौर से 23मील आगे है नगर कि जनसंख्या मे80%हिनदू थे पर ग्रामीण क्षेत्र पर मुस्लिम आबादी ज्यादा थी रावी और जेहलम के बीच की भूमि बहुत उपजाऊ थी जब भी लाहौर के क्रान्तिकारीयो पर पुलिस का दबाव बढ़ता तो वे शेखूपुरा आ जाते शेखूपुरा सिंह सभा गुरुद्वारे के प्रधान सरदार बख्शी चन्द्रमा सिंह वैद थे वोह सब को पनाह देते थे ।
शेखूपुरा के पास ननकाना साहिब और सच्चा सौदा दो पवित्र स्थान है हिन्दू और सिख आश्वस्त थे जब विभाजन होगा तो यह इलाका भारत को मिलेगा ऐसा आश्वासन सरदार लहना सिंह जो कांग्रेसी मंत्री थे ने भी दिया जो झूठ निकला ।
यहां का बदमाश खालक पहलवान था पर बख्शी चन्द्रमा सिंह के सामने आने से डरता था लुंगी सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से यहां के डिप्टी कमिश्नर दीवान सुखाने जी को बदला उनके रहते कोई भी षड्यंत्र पूरा नहीं हो सकता था उनकी जगह एंग्लो इंडियन सी एच डिज्नी को लगाया गया ।
कायर खालक ने बालों सेना के साथ मिलकर बहुत कत्लेआम किया तथा पूरे शहर को लाशों के ढेर मे बदल दिया सरदार चन्द्रमा सिंह वैद का पूरा परिवार इस हमले मे मारा गया पर उनका छोटा बेटा सरदार गुलवीर सिंह वैद किस तरह बच गया ।
गुलवीर सिंह मोहयाल सभा चण्डीगढ़ से भी जुड़े रहे तथा कट्टर मोहयाल थे वैद साहिब सहकारिता पंजाब के ऐडीसनल रजिस्टार बने तथा उनका नाम मनोनीत IAS के लिए भेजा गया परन्तु नामुराद बिमारी के कारण उनका देहांत हो गया वैद जी ने बहुत मोहयालो को नौकरी पर लगवाया मैं भी 1980पर लगा तथा 2018मे सेवा निवृत्त हुआ कुल 17 मोहयालो को पंजाब के विभिन्न सहकारी विभागों मे लगवाया हमें अपने मोहयाली विरसे पर गर्व है ।
