अफसोस है कि मैं गीदड़ नहीं हूँ।
अधिवक्ता गोपालकृष्ण छिब्बर ने अपने संग्रह से एक पुस्तक मुझे पढ़ने के लिए दी। इसने अनेक वर्ष पहले पढ़ी ऐसी ही एक करुण-कथा का स्मरण कराया। वह स्वाधीनता संघर्ष में काले पानी की सजा पर संभवतः महात्मा गाँधी की लिखी हुई पुस्तक थी, जिसमें बापू ने अंडमान की जेल में अपने ऊपर हुए अंग्रेजों के […]
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