जालंधर, 2 नवंबर —
मोहयाल समाज के प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखने वाले डैऩजी मेहता, पुत्र श्री सतीश मेहता (पूर्व अध्यक्ष, मोहयाल सभा जालंधर) के असामयिक निधन से समूचा समाज स्तब्ध और शोकाकुल है।
केवल दो दिन के हल्के बुखार ने इस हंसते-खेलते, ऊर्जावान और संस्कारवान युवा की जीवन-लीला समाप्त कर दी। 23 अक्तूबर 2025 को जब यह हृदयविदारक समाचार मिला, तो जालंधर ही नहीं, आसपास के क्षेत्रों में भी गम की लहर दौड़ गई। जिसने भी सुना, उसकी आंखें नम हो गईं।
रस्म किरया एवं श्रद्धांजलि सभा
2 नवंबर को बावा लाल दयाल मंदिर, दिलबाग नगर में गरूड़ पुराण पाठ का भोग डाला गया, जिसके पश्चात् श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में सगे-संबंधी, सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक क्षेत्र के गणमान्यजन, जालंधर मोहयाल सभा के प्रधान नंद लाल वैद एवं पदाधिकारी एवं सदस्यगण और जीएसएम के आजीवन सदस्य सुनील वैद विशेष तौर पर उपस्थित हुए और मेहता परिवार को सांत्वना दी। मेहता परिवार के मित्र और शुभचिंतक उपस्थित रहे।
सभी ने नम आंखों से पुष्प अर्पित कर डैऩजी मेहता को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति एवं सद्गति प्रदान करें तथा मेहता परिवार को यह असहनीय दुख सहन करने की शक्ति दें।
समाजसेवा और मानवीय संवेदनाओं से भरा जीवन
डैऩजी मेहता अपने संस्कार, विनम्रता और व्यवहार कुशलता के लिए जाने जाते थे।
भाजपा से सक्रिय रूप से जुड़े इस युवा ने सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक क्षेत्र में अपनी छोटी सी आयु में भी गहरी पहचान बनाई थी।
उनका समर्पण, सहयोग की भावना और लोगों से आत्मीय जुड़ाव उन्हें हर दिल में स्थान दिला गया। डैऩजी जैसे युवा सेवाभावी युवक का जाना परिवार और समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है।
डैऩजी मेहता अपने पीछे पत्नी, दो छोटे पुत्रों और वृद्ध पिता श्री सतीश मेहता को शोकाकुल छोड़कर स्वर्गधाम को प्रस्थान कर गए।
उनकी स्मृति सदैव समाज के हृदय में जीवित रहेगी।
“ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और मेहता परिवार को यह असहनीय दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।”
अशोक दत्ता सचिव जालंधर मोहयाल सभा ।


