सैनिक सेवा और त्याग की मिसाल: स्व. इकबाल सिंह छिब्बर की 40वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि

श्रद्धांजलि
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चंडीगढ़, 12 अगस्त।
ब्रिटिश भारतीय सेना से लेकर स्वतंत्र भारत की सेना तक, लगभग चार दशकों तक देशसेवा करने वाले स्व. मेहता इकबाल सिंह छिब्बर (23 नवंबर 1915 – 12 अगस्त 1985) की 40वीं पुण्यतिथि मंगलवार को श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। उनका जन्म सिकारवाली, तहसील खारियां, रेलवे स्टेशन जौरा कर्नाना, जिला गुजरात (अब पाकिस्तान) में हुआ था।

नवंबर 1933 में मात्र 18 वर्ष की आयु में ब्रिटिश भारतीय सेना में भर्ती होकर उन्होंने 13 वर्ष सेवा दी और 3 जून 1947 को विभाजन से ठीक पूर्व जमादार (वर्तमान में नायब सुबेदार) के पद से समयपूर्व सेवानिवृत्ति ली। स्वतंत्रता के बाद, 26 फरवरी 1951 को वे नायब सुबेदार के रूप में भारतीय सेना में पुनः भर्ती हुए और 26 फरवरी 1970 को सुबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए।

पुण्यतिथि अवसर पर उनके तीनों पुत्रों ने चंडीगढ़ स्थित आवास (6303-B, राजीव विहार आर्मी सोसाइटी, सेक्टर-13) पर धार्मिक अनुष्ठान एवं हवन किया। सुभाष छिब्बर (अध्यक्ष, मोहयाल सभा पंचकूला) ने अपनी पत्नी श्रीमती आशा छिब्बर के साथ कार्यक्रम की अगुवाई की। कर्नल वाई.सी. छिब्बर अपनी पत्नी श्रीमती उषा छिब्बर के साथ सम्मिलित हुए, जबकि बड़े भाई रमेश छिब्बर (निवासी गुलमोहर सिटी, डेराबस्सी) स्वास्थ्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सके।

परिवारजन एवं उपस्थित जनों ने इस अवसर पर स्व. इकबाल सिंह छिब्बर के प्रेरणादायी जीवन को स्मरण करते हुए उनके आशीर्वाद की कामना की गई।

सुभाष छिब्बर
अध्यक्ष
मोहयाल सभा, पंचकूला
मो.: 9779106303

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