विभाजन से पहले 1940( विक्रमी वर्ष 1996) के मोहयाल सभा द्राबा(पुंछ) जेएंडके के एक बहुत पुराने/प्राचीन दस्तावेजों का उल्लेख बख्शी संसार चंद दत्ता की अध्यक्षता मे किया गया हैं जिसमें द्राबा के 28 सदस्यों द्वारा उर्दू में एक बैठक आयोजित की हैं( हस्ताक्षर का उल्लेख किया गया है)
जिसमें संयुक्त रूप से निर्णय लिया गया कि सभी लोग समुदाय के कल्याण के लिए काम करेंगे, समुदाय के जरूरतमंद/ कमजोर व्यक्तियों की मदद करेंगे और मोहयाल समुदाय के हित के लि एकजुट रहेंगे।प्राचीन दस्तावेजों से पता चलता है द्राबा की मोहयाल सभा बहुत पुरानी थी और हमारे बुजुर्गों के संस्कार बहुत ऊंचे थें वह मोहयाल समुदाय की एकजुटता बनाने के लिए कार्य तथा आर्थिक रूप से कमजोर मोहयाल भाईयों की मदद के लिए कार्यशील थे।
यह दस्तावेज़ 1947 से पहले उस समय के दौरान श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में आज साधु/ आध्यात्मिक संतो/तीर्थयात्रियों के पंजीकरण को इंगित करता हैं और मोहयाल सभा द्राबा द्वारा प्रबंधित किया जाता हैं।जो लोग उर्दू जानते हैं वे दस्तावेजों में सब कुछ पढ सकतें हैं।
पुनीत दत्ता ए ई द्राबा जिला पुंछ