परिचय
श्री अशोक लव का जन्म 13 अप्रैल 1947 को दिल्ली में हुआ था। उनकी माता श्रीमती कृष्णा लव और पिता श्री बालकृष्ण लव थे। उनकी शिक्षा कैथल (तत्कालीन पंजाब,अब हरियाणा) और दिल्ली में हुई। उन्होंने साहित्य की लगभग प्रत्येक विधा में लेखन किया है । उनकी चर्चित साहित्यिक पुस्तकें हैं – हिंदी के प्रतिनिधि साहित्यकारों से साक्षात्कार (1989), शिखरों से आगे (उपन्यास, प्रथम संस्करण 1995, द्वितीय संस्करण 2018) , पत्थरों से बंधे पंख (कहानी संग्रह, 1996), सलाम दिल्ली (लघुकथा संग्रह प्रथम संस्करण 1991, द्वितीय संस्करण 2021), एकांतवास में ज़िंदगी (लघुकथा संग्रह 2021), बंद दरवाज़ों पर दस्तकें और खिड़कियों पर टंगे लोग (संपादित लघुकथा संग्रह 1988 और 2009), अनुभूतियों की आहटें और लड़कियाँ छूना चाहती हैं आसमान(कविता संग्रह 1997 और 2008) हथेलियों पर उतरा सूर्य और टूटते चक्रव्यूह, ( संपादित कविता संग्रह 1986 और 2017) पापा जी की रेल, आइसक्रीम के बादल, बरसा पानी झमाझम( बाल गीत 2019)झूमें नाचें गाएँ, महक, फुलवारी(बाल गीत 2002), भारत की आत्मा गीता (2022), सर्वजन हिताय श्रीमद्भगवद्गीता (2019), The Shrimadbhagvad Gita Jeevan Disha (2020) रामायण (2015), महाभारत (2000), युग प्रवर्तक महापुरुष( 2006) युगनायक महापुरुष (2006), प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानियाँ ( 1998), प्रेमचंद की सर्वोत्तम कहानियाँ (2007) , चाणक्य नीति (2007)आदि। इनके अतिरिक्त उन्होंने पाठ्यपुस्तकें भी लिखी है जो देश विदेश में पढ़ाई जा रही हैं। उन्हें जनरल मोहयाल सभा द्वारा ‘ मोहयाल गौरव ‘ और लाइफ़ टाइम एचीवमेंट अवार्ड सहित 70 से अधिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है । वे अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति अमेरिका के दिल्ली चैप्टर के अध्यक्ष हैं। वे सर्व भाषा ट्रस्ट के अध्यक्ष,राष्ट्रीय सृजन अभियान और एज वेल एसोसिएशन के संरक्षक हैं। उन्होंने हिंदी शिक्षकों के लिए अनेक कार्यशालाओं का आयोजन किया और वक्ता के रूप में भी भाग लिया। उन्होंने लगभग 30 से अधिक पुस्तकों की भूमिकाएँ लिखी हैं। उनकी रचनाएँ 100 से अधिक साहित्यिक और पाठ्य-पुस्तकों में संकलित हैं। उनके साहित्य पर पीएच.डी और एम.फिल हुई हैं। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी लगभग 150 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। संपर्क – फ़्लैट 363,सूर्य अपार्टमेंट, सेक्टर -6, द्वारका, नई दिल्ली – 110075 , फ़ोन +91-8920608821