22 जनवरी संदीप छिब्बर ; जालंधर मोहयाल सभा द्वारा पंजाब की लोकसंस्कृति से जुड़े महत्वपूर्ण त्योहार लोहड़ी को भव्य और परम्परागत तरीके से मनाया गया। मोहयाल भवन में आयोजित लोहड़ी के कार्यक्रम में जी के बाली ने कहा कि जिस तरह हमारे पूर्वजो ने अपनी संस्कृति , परम्पराओं और संस्कारों को सहेज कर रखा और उन्हें अगली पीढ़ियों को सिखाया और सौंपा वो सच में प्रशंसनीय हैं। अब हमारा भी फ़र्ज़ है की हम अपनी उस विरासत को अगली पीढ़ियों तक ले के जाएँ। आज के इस दौर में हर कोई व्यस्त हैं लेकिन त्योहार हमें मौका देते हैं कि हम उन्हें परम्परागत तरीके से परिवार और समाज के साथ मना कर अपने सम्बन्धो को और दृढ बना सकते है तथा अपने बच्चों को अपनी संस्कृति और विरासत के बारे में सीखा सकते हैं। इस अवसर पर महासचिव एस के दत्ता ने कहा की यूँ तो शुरू से ही मोहयाल हर त्योहार आनंद और जोश के साथ मनाते रहे हैं। पर मोहयालों के घर की लोहड़ी तो सदा समाज में अलग ही जलवा और रुतबा रखती है और लोग कई दिन तक उन कार्यक्रमों को याद रखते हैं। विशेष रूप से घर में नवविवाहिता अथवा नवजात शिशु के आते ही लोहड़ी पर्व की प्रतीक्षा शुरू हो जाती है।
इस अवसर पर परम्परागत लोहड़ी के लोक गीत भी गाये गए तथा मोहयाल युवाओं द्वारा लोहड़ी भी मांगी गई और कार्यकारिणीं सदस्यों द्वारा उन्हें लोहड़ी का शगुन भी दिया गया। इस अवसर पर मूंगफली और रेवड़ियां भी बांटी गई। प्रमुख रूप से संदीप छिब्बर , वंदना छिब्बर , संगीता मोहन आदि ने पंजाबी लोक गीत सुना कर सब का दिल जीत लिया। इस अवसर पर मोहयाल पुरुषों और महिलाओं की टीम के बीच अंताक्षरी मुक़ाबले का आयोजन भी किया गया जिसमे सब उपस्थित लोगो ने खुल कर भाग लिया तथा इसका खूब आनंद लिया। इस मुक़ाबले में प्रदुम्न वैद , संदीप छिब्बर , जी के बाली , वंदना छिब्बर , नीरज दत्ता ,संगीता मोहन , स्वप्निल छिब्बर , जतिंदर दत्ता , अशोक दत्ता , एस के दत्ता , विकास दत्ता , अजय वैद , सतीश मेहता और अन्य प्रतिभागियों ने नए पुराने खूबसूरत तराने सुना कर लोहड़ी के कार्यक्रम को और यादगार बना दिया।
संदीप छिब्बर संगठन सचिव