22 जनवरी ; शहीदों के सरताज भाई मति दास जिन्होंने धर्म और गुरु की खातिर अपनी शहादत दे दी , उनका जन्म मोहयाल ब्राह्मण छिब्बर परिवार में पंजाब (पाकिस्तान) के झेलम जिले में कटास राज मंदिरों की सड़क पर चकवाल से लगभग दस किलोमीटर की दूरी पर प्राचीन गांव करियाला में 13 जनवरी को हुआ था ।
( स्वप्निल छिब्बर, संदीप छिब्बर एवं वंदना छिब्बर सदस्य जालंधर मोहयाल महिला विंग )
जालंधर मोहयाल सभा द्वारा कार्यकारी प्रधान जी के बाली की अगुवाई में जालंधर मोहयाल भवन में जन्म दिवस के उपलक्षय में हुए एक कार्यक्रम में भाई मति दास जी को पुष्प अर्पित करके श्रदांजलि अर्पित की गयी तथा मोहयाल परिवारों में सुख, शांति और समृद्धि हेतु मंगल कामना की गई। इस अवसर पर सचिव अशोक दत्ता ने बताया कि हिन्द की चादर गुरु तेग बहादुर के साथ शहीद हुए भाई मति दास से जब पूछा गया कि क्या उनकी कोई अंतिम इच्छा है। उन्होंने उत्तर दिया कि वह मरते वक़्त अपने गुरु की ओर मुंह करना चाहते है। भाई मति दास को दो खम्भों के बीच सीधा खड़ा किया गया और उनके सिर पर आरी चलायी गई। जब यह हो रहा था, भाई मति दास ने जपुजी साहिब का पाठ शुरू किया । यह मान्यता है कि पाठ जारी रहा और भले ही शरीर दो अलग-अलग हिस्सों में था, फिर भी पूरा हो गया। ऐसी महान सख्शियत न केवल मोहयालों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है बल्कि पूरे विश्व के लिए क़ुरबानी और पराक्रम की मिसाल हैं। कार्यकारी प्रधान जी के बाली ने कहा की ये और भी गौरव की बात है कि जालंधर मोहयाल सभा के सभी सूझवान मोहयालों ने जालंधर मोहयाल भवन का नाम अमर शहीद भाई मति दास छिब्बर के नाम पर सर्वसम्मति से रखा और आज हम उसी भवन के निर्माण पूर्ण होने पर उनका जन्मदिवस यहाँ मना हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि भाई मति दास की प्रेरणा और आशीर्वाद से सभी मोहयाल देश और समाज की भलाई के लिए आगे बढ़ कर कार्य करते रहेंगे तथा विभिन्न क्षेत्रो में कुशल नेतृत्व और दिशा देते रहेंगे । महासचिव एस के दत्ता , संगठन सचिव संदीप छिब्बर, राजीव दत्ता, प्रदुमन वैद,नरिंदर वैद, वंदना छिब्बर , संगीता मोहन, सतीश मेहता आदि ने भी भाई मति दास के चित्र पर पुष्प अर्पित किये ।
संदीप छिब्बर संगठन सचिव