अपना आसमान-लघुकथा

ड़ा. अशोक अपनी बिटिया मान्या की कक्षा अध्यापिका के सामने बैठे थे और उसकी अध्यापिका ने उससे कठोर और स्पष्ट प्रश्न  पूछा कि क्या आप अपनी बेटी के परीक्षा परिणाम के बारे में चिंतित हैं?  वे बोले “जी हाँ! तभी तो समय निकाल कर मिलने आया हूँ।  विज्ञान और गणित में निराशाजनक अंक लाई है।” […]

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माँ का संदूक

मेरी माँ के संदूक मे एक खजाना है यादों का बडके की पैंट का लाल बटन छुटके की शाला का नंबर कार्ड मझली बहुरिया की बिंदिया का पता और अपनी पुरानी  फोटु का एक टुकड़ा मेरी माँ के संदूक मे एक खजाना है यादों का ।। उनकी पेंशन और मृत्यु पंजीकरण का कागद बिटिया की […]

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गुत्थियों को सुलझा लो नरम बातों से

गुत्थियों को सुलझा  लो नरम बातों से आने दो बाहर भीतर की पीड़ हर अनदेखा जख्म उभरने दो मत सोचो दुनियावी रीति -नीति जो दबा है सदियों से गुफा में आ जाने दो बाहर नग्न रूप में फाड़ कर  बनावटी चमकीले पर्दे दिखा लेने  दो असली किरदार भाषा ,संवाद, औपचारिक व्यवहार भूल कर सिर्फ सीधा […]

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यूँ कहे कहानी – परिजनों के लिए कुछ विशेष

कहानी कैसे पढ़ी जाए?कहानी सुनाने का सही समय व सही तकनीक क्या हो सकती है जिस से बच्चा किताबों से जुड़ा रहे। जब आप अपने बच्चे  में कहानी पढ़ने और सुनने की रूचि उत्पन्न करना चाहते हैं ।तभी ऐसे कई सवाल मन में आते होंगे। यकिन मानिए यह कोई कठिन राकेट विज्ञान नहीं है।बस कुछ […]

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घर के झरोखे से

मेरे घर के झरोखे से दिखती है जिंदगी गली में खेलते बच्चों में सुख ढूंढ़ते बुढ़ापे में गोद में सोते बच्चों में। मौज में मस्त जवानी में ..    मेरे घर के झरोखे से दिखती है जिंदगी।। जगमगाते शहर की रोशनी में .बादलों से छाए अँधेरे में बारिश की गिरती बूँदों में कड़कती धूप के उजियारे […]

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कन्या

उड़ना है आसमान में मुझे खुल के पंखों को फैलाना है। जी भर के जीना है, अपने सपनों को सजाना है। रोते हुए आऊँगी पर,मुस्कुराहटे फैलाने खुशियों से भर दूँगी  आँगन जीवन लगेगा जगमगाने मत रोको मेरी साँसों को चलने   दो  इन्हें।।1।। बेटी हूँ मैं बोझ मत समझो मुझे लक्ष्मी का स्वरूप हूँ किस्मत से […]

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