छिब्बरों की कुल देवी श्री शाह माता जी की यात्रा: सी.एस.छिब्बर

धार्मिक मोहयाल समाचार
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” छिब्बरों की कु ल देवी श्री शाह माता जी की यात्रा “

जीवन में  कुछ अवसर ऐसे होते हैं जब आस्था और सौभाग्य एक साथ मिलकर हमें अपनी जड़ों  से जोड़ते हैं। ऐसा ही अनुभव मुझे तब हुआ जब मेरी भांजी का विवाह नौशेरा में तय हुआ। इस कारण मुझे कुल देवी के दर्शन का अवसर मिलने की संभावना और भी प्रबल हो गई। जैसा कि हम सभी फेसबुक, व्हाट्सऐप और फोन पर अपनी कुल देवी के बारे में अक्सर विचार करते रहते हैं, उसी क्रम में मुझे यह जानकर बहुत हर्ष हु आ छिब्बरों की कुल देवी का धाम नौशेरा के पास ही है। यह जानकारी मुझे मोहयाल सभा (वेस्ट ज़ोन) के अध्यक्ष श्री के . जी. मोहन जी से प्राप्त हुई। इसके बाद मैंने जम्मू मोहयाल सभा के सचिव श्री एम. एम. छिब्बर जी से संपर्क किया। उन्होंने बड़े आत्मीय भाव से नौशेरा मोहयाल सभा के अध्यक्ष बख्शी अनिल छिब्बर जी का संपर्क नंबर दिया।

श्री अनिल जी ने मुझे आश्वस्त किया  कि मैं आपको माता के धाम तक मार्ग दर्शन करवा दूंगा और श्री धीरज छिब्बर जी, मुख्य पुजारी जिन्हें माता की चौकी आती है, आपके साथ होंगे। नौशेरा पहुँचना मेरे लिए दुगना सौभाग्य था एक ओर भांजी का विवाह और दूसरी ओर माता के दर्शन का अवसर। विवाह का वातावरण अपने आप में ही आनंदमय था रिश्तेदारों का मिलना, उत्साह, गीत-संगीत और शुभकामनाओं से भरी परंपराए। विवाह से पूर्व नौशेरा मोहयाल सभा के अध्यक्ष बख्शी अनिल  छिब्बर जी एवं सर्वश्री मंगत बाली ( सचिव), नवनीत बाली (कोषाध्यक्ष) व सभा के सदस्यों सर्वश्री राजीव दत्ता, सोनू दत्ता व चेतन बाली से भेंट, आत्मीय बातचीत और परिवार के स्नेह ने इस यात्रा को और भी संस्मरणीय बना गया। उन सभी की गर्मजोशी और भाईचारे ने यह एहसास दिलाया की मोहयाल समाज आज भी अपनी परंपराओं और संस्कारों से गहराई के साथ जुड़ा हुआ है। इसी अपनेपन ने इस अवसर को और भी विशेष बना दिया।

कुल देवी का धाम

कुल देवी का धाम केड़ी – नौशहरा के सुरेश कुमार छिब्बर जी से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज से लगभग 20 वर्ष पूर्व इस स्थान की स्थापना हुई थी। इससे पहले माता जी का पवित्र स्थान पाकिस्तान के कोटला ककराली में था। जब हमारे समाज को विभाजन के बाद भारत आना पड़ा तो माता जी का धाम यहाँ स्थापित किया गया। इस कार्य में सबसे बड़ा  योगदान श्री इंद्र प्रकाश छिब्बर जी का रहा, जिन्होंने अपनी जमीन माता जी के धाम के लिए दान दी। यह उनका अतुल्य त्याग और भक्ति थी, जिसने छिब्बरों की कु ल देवी के इस नए धाम की नींव रखी।

माता की महिमा और दर्शन का अनुभव

श्री शाह माता जी को छिब्बरों की कुल देवी के रूप में पूजते हैं और पीढियों से छिब्बरों की रक्षा करती आ रही हैं। कठिन समय में ढाल बनकर खडी होती हैं और उनकी कृपा से परिवारों में सुख-समृद्धि और शक्ति बनी रहती है।

विवाह समारोह के बाद हम परिवार सहित गाँव केड़ी, तहसील नौशेरा, जिला राजौरी, जम्मू एवं कश्मीर स्थित  शाह माता जी के पावन धाम के लिए  रवाना हुए। यह स्थान नौशेरा से लगभग 11 किलोमीटर दूर है। रास्ते भर मन में एक विशेष उत्साह और श्रद्धा थी। हरी-भरी वादियों से गुजरते हुए, शांत वातावरण और हल्की ठंडी हवाओं ने मानो यह आभास दिलाया की हम किसी पावन लोक की ओर बढ़ रहे हैं। जब हम मंदिर पहुँचे और माता के चरणों में शीश नवाया, तो मन अद्भुत शाक्ति और  ऊर्जा से भर गया। शांत वातावरण, धूप-दीप की सुगंध और घंटियों की मधुर ध्वनि ने भक्ति का अनोखा वातावरण बना दिया। ऐसा लगा जैसे माता जी ने अपने आशीवार्द से मन का बोझ हल्का कर दिया हो। माता जी का स्थान केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि यह मोहयाल परिवारों की आस्था और एकता का केंद्र है। इस यात्रा के दौरान श्री शाह माता जी की कमेटी के सेक्रेटरी बख्शी मोहन लाल छिब्बर से प्रेरणादायक मुलाकात हुई। वे विशेष रूप से हमसे मिलने के लिए लगभग पाँच किलोमीटर दूर से आए। उनका यह समर्पण और स्नेह देखकर मन में यह विश्वास और गहरा हो गया की माता का धाम केवल भक्ति का स्थान ही नहीं, बल्कि मोहयाल परिवारों  के आपसी भाईचारे और एकता का प्रतीक भी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रत्येक वर्ष दिसंबर महिने की पूर्णिमा को मेल का आयोजन किया जाता है जिसमें विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में छिब्बर  परिवार के श्रद्धालु भाग लेते हैं और श्री शाह माता जी का आशीवार्द प्राप्त करते हैं। जो भी श्रद्धालु माता जी के धाम के दर्शन हेतु जाना चाहते हैं, उन्हें चाहिए वे यात्रा से कम से कम दो दिन पहले बख्शी अनिल छिब्बर जी  से (6005-276191) या बख्शी मोहन लाल छिब्बर जी से (95968 72684) पर सम्पर्क करें। इससे आपको कसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी और मार्गदर्शन सहज उपलब्ध रहेगा। इस यात्रा ने मेरे जीवन पर अमिट छाप छोड़ी है और यह प्रेरणा दी है कि चाहे हम जीवन की व्यस्तताओं में कितने ही उलझे हों, हमें अपनी परंपराओं, आस्था और कुल देवी के प्रति श्रद्धा को सदैव जीवंत रखना चाहिए। मेरे लिए लए यह यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं थी, बल्कि अपनी परंपराओं, अपनी आस्था और अपनी जड़ो से जुड़ने का अवसर भी थी। यह अनुभव सदैव मुझे प्रेरणा देगा कि चाहे जीवन कितना भी व्यस्त क्यों न हो जाए, हमें अपनी कुल देवी श्री शाह माता जी और अपनी सांस्कृतिक के प्रति श्रद्धा बनाए रखनी चाहिए।

चन्द्र शेखर छिब्बर, महासिचव मोहयाल सभा (वेस्ट ज़ोन), नई दिल्ली दल्ली-110018,   9717679979

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