वहीं समाज रहता जिंदा और बिखरे इंद्रधुनष से रंग,
जिस के युवाओं में हो आत्मविश्वास, जोश और उमंग।
यमुनानगर (जून 2025)
यमुनानगर मोहयाल सभा द्वारा आयोजित मोहयाल युवा क्रिकेट टूर्नामेंट न केवल खेल का उत्सव बना, बल्कि यह युवा ऊर्जा, सहयोग और मोहयाल एकता का प्रतीक बन गया। इस आयोजन में देशभर के विभिन्न क्षेत्रों से आए मोहयाल युवाओं ने अपनी प्रतिभा, जोश और भाई चारे से आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।
मैं हमेशा से मानता हूँ कि सच्चा मोहयाल वो है जिसमें ‘म’ से मस्ती यानि ज़िंदादिली, ‘ह’ से हमदर्दी यानि संवेदना , ‘य’ से यकीन यानि आत्मविश्वास और ‘ल’ से लड़ाकापन यानि जुझारूपन मौजूद हो। और यही विशेषताएं हमें बाकी समुदायों और व्यक्तियों से अलग पहचान देती है। यह सारा टूर्नामेंट ही इन भावनाओं से ओतप्रोत रहा। युवाओं ने मिल कर खूब मौज मस्ती की और अपने शौक, हुनर, अनुभव और लक्ष्य एक दूसरे के साथ साँझा किये। टूर्नामेंट में ऐसे कई मैच हुए जिनमें अंत तक कोई भी टीम जीत सकती थी। सब मैचों को जीतने के लिए जिस तरह खिलाडियों ने जान लगा दी, अलग अलग योजनाएं बनायीं , कैप्टन और मैनेजर ने जिस तरह टीम का नेतृत्व किया और सब लोगों ने जिस तरह अनुशासन , धैर्य और नियमों का पालन किया , वो सब सच में तारीफ के काबिल है। मुझे भी एक टीम के मैनेजर के रूप में इस टूर्नामेंट में भाग लेने का मौका मिला। जालंधर मोहयाल सभा के प्रधान नंद लाल वैद, वित्त सचिव अश्विनी मैहता, सदस्य विशाल मैहता टीम का हौसला बढ़ाने के लिए गए थे।हमारी टीम थोड़ी अनोखी इस लिये भी थी , क्यूंकि हमारी टीम में 7 खिलाड़ियों ने जाना था भीषण गर्मी और विशेष कारणों से 3 खिलाड़ियों ने अपना तह कार्यक्रम स्थागित कर दिया जालंधर के 4 खिलाडियों (मनोज ,स्वपनिल, प्रियांशु, आर्यन) के साथ मोदीनगर, अम्बाला और यमुनानगर के खिलाड़ियों को लेकर जालंधर टीम बनाई गई । लगभग सभी युवा खिलाड़ी शायद पहली बार ही मिले थे लेकिन उन्होंने जिस तरह एक जुट होके सभी मैच खेले और एक दूसरे का उत्साहवर्धन किया वो सच में बेमिसाल था। मैं विशेष रूप से टीम के कैप्टन मनोज दत्ता की तारीफ करना चाहूँगा जिसने न केवल टीम का कुशल नेतृत्व किया बल्कि सभी मैचों में बैटिंग , बॉलिंग और फील्डिंग में बेहतरीन प्रदर्शन किया जिसकी तारीफ वहां मौजूद सभी दर्शकों के साथ साथ विरोधी टीमों ने भी की।
इस टूर्नामेंट के सफल आयोजन में यमुनानगर मोहयाल सभा के प्रधान विपिन मोहन और उनकी टीम ने जिस तरह कार्य किया और छोटी छोटी ज़रूरतों का भी ध्यान रखा वो सच में तारीफ़ के काबिल है। वहाँ रुकने की व्यवस्था , खाने पीने की व्यवस्था , खेल मैदान तक ले जाने-आने की व्यवस्था सब कुछ बेहतरीन था। मैदान भी बहुत ही बढ़िया था , वहां पर भी सभी के लिए पेय पदार्थ , रिफ्रेशमेंट , टीम डग आउट , दशकों के बैठने के लिए जगह , डेजर्ट कूलर्स सब कुछ उपलब्ध था। सभी टीमों को किट्स उपलब्ध कराई गई जिसमें बेट्स, पैड्स, ग्लव्स, हेल्मेट्स और अन्य सारा सामान उपलब्ध था ताकि सभी खिलाडियों को सुरक्षा मिल सके। मैदान में डॉक्टर और दवाईयों तक की व्यवस्था थी। निष्पक्ष निर्णय लेने के लिए प्रोफेशनल अम्पायर्स के साथ साथ थर्ड अंपायर तक नियुक्त किये गए थे। मैने जिस तरह वहां प्रबंधकों को दिन रात मेहनत करते देखा वो सच में सलाम करने योग्य है। विशेष रूप से टूर्नामेंट के प्रबंधन प्रमुख हमारे युवा मोहयाल गुंजन मोहन का धन्यवाद जिसने अपनी लगन, सोच, परिश्रम और धैर्य से इस टूर्नामेंट को सफल और यादगार बनाया। उनके द्वारा दिये गए सहयोग, सुझावों और व्यवहार को दिल हमेशा याद रखेगा। वहां पर GMS के प्रधान विनोद दत्त और राष्ट्रिय कार्यकारिणी से मिलना भी एक विशेष अनुभव रहा। मुझे पूरा विश्वास है कि इस आयोजन की यादें और अनुभव मेरे साथ साथ वहां शामिल हुए सभी लोगों के मन में सदा बसें रहेंगे और वहां एक दूसरे के साथ बने मित्रतापूर्ण सम्बन्ध हमारे समाज़ और मोहयालियत को एक नई दिशा देंगे।
सुझाव: भविष्य में टूर्नामेंट सितंबर ,अक्टूबर, नवंबर में करवाएं जाएं इससे प्रबंधन करने वालों के साथ साथ खिलाड़ियों और दर्शकों को आनंद आएगा। टूर्नामेंट की जानकारी मोहयाल सभाओं को समयपूर्व दी जाए ताकि वह खिलाड़ियों का चयन कर के एक संगठित टीम बना सके।
संदीप छिब्बर
संगठन सचिव
जालंधर मोहयाल सभा