आज 25 मई को हम दिवंगत अभिनेता सुनील दत्त को उनकी पुण्यतिथि पर याद कर रहे हैं। सुनील दत्त एक ऐसे मोहयाल व्यक्तित्व और शख्सियत थे जिन्होंने बिना किसी की मदद से संघर्ष करते हुए वह मुकाम हासिल किया जिसने परिवार में आई अनेक चुनौतियों का सामना किया।
( चित्र नं एक में सुनील दत्त स्वर्गीय गवर्नर भाई महावीर जी के साथ मोहयाल फाऊंडेशन मे बातचीत करतें हुए । चित्र नं.दो मेंरायजादा बीडी बाली भूतपूर्व अध्यक्ष जीएमएस। चित्र नं. तीन में जीके छिब्बर अधिवक्ता भोपाल साथ में सुनील दत्त और उस समय के गवर्नर मध्यप्रदेश भाई महावीर मोहयाल संमेलन मे खडे दिखाई दे रहें हैं)
तारकाटोरा स्टेडियम में एक यादगार अखिल भारतीय मोहयाल सम्मेलन नई दिल्ली में सुनील दत्त की उपस्थिति ने मोहयालों को गौरवांवित किया। मोहयाल समुदाय की सर्वोच्च संस्था जनरल मोहयाल सभा ने समुदाय का सर्वोच्च अवार्ड मोहयाल रत्न प्रदान किया था।
फिल्मी सफर : सुनील दत्त का फिल्मी सफर साल 1960 और 1970 के दशक में फिल्मों के सबसे लोकप्रिय सितारों में से एक था। उन्होंने 1955 में फिल्म ‘रेलवे प्लेटफॉर्म’ से बॉलीवुड में कदम रखा था। हालांकि 1957 में आई क्लासिक फिल्म ‘मदर इंडिया’ से उन्हें जबरदस्त पहचान मिली थी इसके बाद उन्होंने ‘साधना’, ‘इंसान जाग उठा’, ‘मुझे जीने दो’ और ‘खानदान’ जैसी कई हिट फिल्मों में बेहतरीन अभिनय कर दर्शकों और आलोचकों से खूब सराहना पाई। करीब 48 सालों के लंबे अभिनय सफर में सुनील दत्त को फिल्मफेयर, नेशनल अवॉर्ड और राजीव गांधी पुरस्कार समेत कुल 12 प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया।
आज भी सुनील दत्त की फिल्में और उनके अभिनय को याद किया जाता है। उनकी विरासत उनके परिवार और प्रशंसकों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। हम सुनील दत्त को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते हैं और उनके योगदान को हमेशा याद रखेंगे।
सुनील दत्त की कहानी मोहयाल समुदाय के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने अपने संघर्ष और मेहनत से सफलता हासिल की और समुदाय को गौरवांवित किया। उनकी विरासत हमें आगे बढ़ने और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रेरित करती है।
अशोक दत्ता संपादक मोहयाल मित्रम्