स्वर्गीय श्री ओम् प्रकाश दत्ता अपनी संसारिक यात्रा का सफर 17 दिसंबर को पूरा करतें हुए अपनी यादों को पीछे छोड़ कर उस लोक चलें गए यहां से कोई वापिस नहीं आता ,आती हैं सिर्फ़ यादें……
26 दिसंबर 2024 को रस्म पगड़ी एवं अंतिम प्रार्थना पर बडी संख्या में सगे संबंधियों के आलावा समाजिक, धर्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों और ओम् जी के राजनैतिक पार्टी से जुडें बडी संख्या में मित्रजन, मोहयाल समुदाय की स्थानीय जालंधर मोहयाल सभा रजि.के प्रधान नंद लाल वैद,वरिष्ठ उपप्रधान जीके बाली,महासचिव एसके दत्त, सचिव अशोक दता, मैनेजिंग कमेटी सदस्य प्रदुम्न वैद, उकेश बख्शी, ओपी वैद आदि ने उपस्थित होकर ओम् जी की यादों को स्मरण करतें हुए पुष्पांजलि अर्पित करते हुए भावपूर्ण श्रध्दांजलि दी।
ओम् जी को अपने माता पिता से उच्चकोटि के संस्कार मिलें थे। उन संस्कारों पर चलते हुए संयुक्त परिवार में एकता और सौहार्दपूर्ण वातावरण को बनाएं रखा। रिश्तेदारी में भी हर संबंधी के सुख दुख में पहुंचना ओम् जी की विशेषता रही। समाजिक और धर्मिक कार्यों के साथ राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाई।
ओम् जी मोहयाल समुदाय में ओपी दत्ता से जाने जाते थें। यूथ मोहयाल सभा जिसका गठन 1979 में किया गया था उसमें दत्ता जी का सहयोग रहा।
दत्ता जी भारतीय सेना की ईएमई कोर में थें जब छुट्टी आते तो सभी मोहयाल भाई से मिलतें।
मोहयालियत के संस्कार दत्ता परिवार की विरासत रही । दत्ता जी के भाई एमईएस से एसडीओ, कंटोनमेंट से इंस्पेक्टर, आईओसी से सीनियर मैनेजर रिटायर हैं । एक भाई अमेरिका में वैल सेटल्ड है अन्य प्राईवेट कार्य कर रहें हैं। आईओसी से रिटायर सीनियर मैनेजर ज्ञान प्रकाश दत्ता अपने भाई की तरह मिलनसार,संस्कारवान हैं। मोहयाल समुदाय में विशेष स्थान हैं । दत्ता परिवार के सभी सदस्य मिलनसार संगठित हैं। समाज में विशेष रूतबा हैं।
ओम् जी दोस्तों का दोस्त था..वह अपने पीछे अपनी यादें छोड़ गया। मुझे वो दिन याद हैं। जब हमनें लाजपत नगर में मिलाप भवन में युवा मोहयालों को एक मंच पर लाकर मोहयाल मेला आयोजित किया था। उस समय जिन बच्चों ने भाग लिया था। वह बच्चों के पिता हैं।
बीस के दशक में लायन्स क्लब में मोहयाल मिलन समारोह बडी धूमधाम से मनाया गया था। मंच का संचालन मेरे साथ बखूबी किया था ।अब हमारे बीच ओम् जी नहीं उनकी शेष स्मृतियां रह गई हैं।
अशोक दत्ता.. सचिव
जालंधर मोहयाल सभा रजि.