साक्षात्कार: एसके दत्त महासचिव जालंधर मोहयाल सभा जिन्हें भीष्म पितामह की उपाधि से नवाजा गया

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जालंधर मोहयाल सभा की स्थापना विभाजन के बाद 1950 में चौधरी धर्म देव दत्ता ने की। चौधरी परिवार विभाजन से पहले जालंधर में रहता था । इनका मुख्य व्वसाय साईकिलों का था। रैनक बाजार में करतारपुर साईकिल वर्क्स के नाम से प्रसिद्ध दुकान थी,जो अब भी अपनी पहचान बनाए हुए है। मोहयाल सभा की गतिविधियों का मुख्य केंद्र हुआ करती थी ।

जालंधर मोहयाल सभा की ओर से सभा के संस्थापक स्वर्गीय चौधरी धर्म देव दत्ता एवं दिग्गज मोहयाल स्वर्गीय अशचर्ज लाल बाली और वैद ओमप्रकाश दत्त के परिवार को सम्मानित किया वहीं सभा की ओर से सभा के महासचिव एसके दत्त के योगदान ओर सभा के महासचिव पद पर लंबे समय तक सेवा के संमान में भीष्म पितामह जालंधर मोहयाल सभा के खिताब से नवाजा गया । एसके दत्त ने सभा का आभार व्यक्त करते हुए कहा : मुझे मोहयालियत के संस्कार अपने पिता जी से मिले थे।
बातचीत में महासचिव एसके दत्त ने बताया : मेरे पूज्य पिता स्वर्गीय श्री कर्ता राम दत्त 1995 से पहले जालंधर मोहयाल सभा के केशियर थे। मै उन्हें सभा स्थल तक पहुंचने में सहयता करता और बैठक में उपस्थित रहता।
17 फरवरी 1995 को पिताजी का निधन हो गया । निधन के बाद सभा के तीन चार पदाधिकारी हमारे घर संवेदना व्यक्त करने आए मैंने धन्यवाद दिया और उन्हेँ नकद राशि के साथ सभा  का रिकार्ड सौंप दिया।
मैंने दत्ता जी से जानना चाहा ? आप जालंधर मोहयाल सभा से कैसे, कब जुड़े बताएं।
दत्ता जी ने बताया. मैं जिला उद्योग केंद्र होशियारपुर ( उद्योग विभाग, पंजाब सरकार) से 31 जुलाई 1995 को सेवा निवृत्त होने के बाद एक दिन मोहयाल सभा के प्रधान आत्म स्वरूप दत्ता से रैनक बाजार में उनकी दुकान पर मिला। कुछ औपचारिक बातचीत के बाद और यह जानने के बाद कि मैं पंजाब सरकार से सेवानिवृत्त हो गया हूं, उन्होंने मुझसे जालंधर मोहयाल सभा में सचिव के रूप में शामिल होने का अनुरोध किया। तब से मैं इसी रूप से काम कर रहा हूँ और जनरल मोहयाल सभा की कार्यवाही की रिपोर्ट भेज रहा हूँ जो मोहयाल मित्र में प्रकाशित होती हैं।
सभा के महासचिव के रूप में तथा जीएमएस की गतिविधियों में सक्रिय भाग लिया जैसे जीएमएस द्वारा आयोजित अध्यक्षों और सचिवों की बैठकें, मोहयाल सम्मेलन, मोहयाल स्थपना दिवस,प्रतिभाशाली विद्यार्थी सम्मान समारोह और एजीएम की बैठकों के साथ जीएमएस के हर समारोह में सहयोग करना।
मुझे पांच वर्षों के लिए जीएमएस की प्रबंधक कमेटी का सदस्य चुना गया और प्रबंधक कमेटी में मेरी उपस्थिति नब्बे प्रतिशत से अधिक रही।
दत्ता जी ने आगे बताया : जनरल मोहयाल सभा और जालंधर मोहयाल ने मेरी सेवाओं को मान्यता दी और मुझे पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया :-
1… मोहयाल सम्मेलन 2017   तालकटोरा स्टेडियम नई दिल्ली मे हुआ था वहां मोहयाल गौरव का संमान मुझें प्रदान किया गया तथा मोहयालों का गौरव का खिताब खन्ना में आयोजित एजीएम में दिया गया था।
2… जालंधर मोहयाल सभा के प्रधान नंद लाल वैद ने मेरे द्वारा मोहयाल समुदाय को दी जा रहीं सेवाओं की विस्तार से सभा की बैठक में चर्चा की तो सभी सदस्यों ने एकमत से मुझे विशेष सम्मान देने का  निर्णय लिया गया ।
मेरे महासचिव के कार्यकाल और उम्र को देखते हुए “जालंधर मोहयाल सभा के भीष्म पितामह” की उपाधि देने का प्रस्ताव पारित किया और मुझे भव्य समारोह में  “जालंधर मोहयाल सभा के भीष्म पितामह” की उपाधि से संमानित किया गया।
?.मैंने दत्ता जी से अनुरोध किया आप मोहयाल समुदाय को संदेश देना चाहेंगे ।
दत्ता जी ने कहा जरूर ..जालंधर मोहयाल सभा के समस्त पदाधिकारियों एवं सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने मुझे इतना बड़ा संमान दिया हर मोहयाल भाई बहन को मेरा संदेश हैं. हमारे समुदाय की संख्या बहुत कम हैं पर पहचान हर क्षेत्र में हैं। हम सभी को संगठित रहकर आपसी सौहार्द को बढ़ाने की कोशिश करते हुए हर समस्या का समाधान मिल बैठकर करते हुए भाईचारे को बढाना मोहयाल सभा के माध्यम से समय समय पर युवा पीढ़ी में मोहयालियत की भावना जागृत करने के कार्य करना इत्यादि।

साक्षात्कार:अशोक दत्ता

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