डा.लज्जा देवी मोहन स्वत्रंत्रता सेनानी श्री बलवंत सिंह की बेटी है।इनका जन्म पश्चिमी पाकिस्तान के चक नं.468 ,तहसील समुंद्री जिला लायल पुरा (अब पाकिस्तान) मे सितंबर 1926 को हुआ। संस्कृत व प्रचीन इतिहास के विद्वान डा. मैहता वशिष्ठ देव मोहन के साथ 1945 में विवाह हुआ। दसवीं से एम ए एवं पीएचडी विवाह के उपरांत प्रोफेसर पति की देख रेख में की। जन्म सिख परिवार में शादी हिन्दू परिवार में हुई। पीएचडी का विषय रामचारितमानस और रामाअवतार ( श्री दशम ग्रथ साहिब)का तुलानात्मक अध्ययन।
लगभग साठ रचनाएँ,। 1970 के भारत पाक युद्ध और बंगलादेश के निर्माण पर आधारित उपन्यास, लगभग दस शोध पत्र,अनेक कहानियां, बाल कथाएँ और यात्रा वृत्तां शामिल हैं।
प्रायः सभी शोध पत्र (अग्रेंजी)वैदिक इंस्टीट्यूट के मुख्य पत्र विश्व ज्योति में प्रकाशित हुए कुछ शोध पत्र आँल इंडिया ओरियंटल कांफ्रेंस के अधिवेशनों में भी पढे गए।
डा.मोहन ने अनेक कथा कहानियां, यात्रा वृत्तांत, पंजाब भाषा विभाग की पत्रिका पंजाब सौरभ, जाहन्वी, मोहयाल टाईम, मोहयाल मित्र में प्रकाशित लेख पीएचडी का शोध प्रबंधन भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के अनुदान से छपा।चार साल तक इतिहास अनुसंधान परिषद की फैलो रही।भाई गुरदास कृत गुरूनानक देवजी की जन्म साखी,टीका भाई मणि सिंह ज्ञान रत्नावली का हिन्दी अनुवाद किया (अप्रकाशित)
लेखिका भूतपूर्व सदस्य आल इंडिया ओरियंटल कांफ्रेंस औथर्स गिल्ड आफ इंडिया तथा इण्डियन सोसायटी आफ आँथर्स है तथा आजीवन सदस्या लेखिका संघ दिल्ली है।
लेखिका ने बताया बचपन में दादी हर देवी और नानी प्रेम देवी से श्रीराम, श्रीकृष्ण, हनुमानजी की कथाएं व गुरू तेगबहादुर, भाई मतिदास, भाई सतीदास, चारों साहिबजादों व बाल हकीकत आदि के बलिदान की गथाएं सुनकर अपने धर्म व संस्कृति में आस्था बनी।
देश विभाजन के समय पूज्य सास-ससुर श्रीमती दुर्गा वती व मैहता गोकुल चन्द मोहन तथा अन्य नातेदारों के बलिदान ने यह आस्था और दृढ़ की।
श्रीमती मोहन की आयु 96 साल है उन्होंने बताया बडी बेटी प्रतिष्ठा दत्ता एवं दामाद एम.बी.दत्ता और मेरा बडा बेटा समीर मोहन इस दुनिया में नहीं रहे। समीर मोहन से छोटा बेटा रित मोहन एडवोकेट पानीपत में हैं वह जरनल मोहयाल सभा की प्रबंधक कमेटी में कई सालों से मोहयालियत की सेवा कर रहा हैं इस समय भी पीआरओ जीएमएस है सबसे छोटा बेटा भारतीय नौसेना से कमाण्डर पद से रिटायर्ड है।
मोहयाल गौरव जीएमएस अध्यक्ष विनोद दत्त वरिष्ठ मोहयाल लेखिका डा.लज्जा देवी मोहन को उनके निवास स्थान पंहुचकर संमानित किया। इस अवसर पर डा.मोहन ने विनोद दत्त जी को स्नेह भरा आर्शीवाद दिया।
अशोक दत्ता.9779890717