मोहयालों में जिस चेतना, शक्ति, साहस और दया के भाव निहित है वो कहीं न कहीं हमारे गोत्रों के पूज्यनीय सप्तऋषियों की देन हैं। इन्ही सप्तऋषियों ने हमें धर्म और ज्ञान का मार्ग दिखाया जिस पर मोहयाल आज तक चल रहे हैं तथा धर्म और समाज की रक्षा हेतु सदैव आगे खड़े होते हैं। हमारे मोहयाल जातियों के सप्तऋषि महाऋषि भृगु (छिब्बर), महाऋषि वशिष्ट (लौ), महाऋषि कश्यप (मोहन), महाऋषि भारद्वाज (दत्ता) , महाऋषि पराशर (बाली), महाऋषि कौशल (भीमवाल), महाऋषि धन्वंतरि (वैद) की एक खूबसूरत तस्वीर जिसे हमारे सचिव अशोक दत्ता ने बड़ी मेहनत से तैयार किया है ,बहुत से मोहयाल परिवारों को भेंट की गई हैं तथा मोहयालों ने पूर्ण श्रद्धा और भाव के साथ उन्हें घर में स्थापित किया हैं तथा बहुत से मोहयालों विशेषतय हमारी युवा पीढ़ी को हमारे महान महाऋषियों के बारे में पहली बार पता चला हैं और वो पूरी श्रद्धा के साथ उनके आगे शीश नवाते हैं और अपने गौरवपूर्ण समाज पर गौरान्वित महसूस करते हैं। इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए जालंधर मोहयाल सभा अपनी मासिक मीटिंग एवं अन्य समारोहों में सप्तऋषियों का फोटो स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट करतीहै जिन सदस्यों के पास सप्तऋषियों का फोटो नही हैं ।
जनवरी महीने की मीटिंग में जतिंदर दत्ता,विकास दत्ता एवं अजय वैद को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।