दो बूंद जिंदगी की – लघुकथा
सर्द मौसम और रविवार का दिन, सभी कामों में थोडी ढ़िलाई देकर आज बहुत दिनों बाद मोनिका ने पास में बने पार्क में जाने का मानस बनाया। एम.एन.सी. में उच्चाधिकारी होना अर्थात रोज रोलर कोस्टर की सवारी करने जैसा जीवन । एक खाली कोना देखकर बैंच पर बैठी ही थी कि दूर से पिताजी के […]
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