भाई जी की राष्ट्रभक्ति और त्याग: सत्येन्द्र छिब्बर
भाई परमानन्द जी की अंडमान जेल अवधि में उनकी पत्नी भाग्यसुधि ने अपार कष्ट सहे ।अपने मासूम बच्चों के साथ बीमारी और गरीबी में गुजारा किया ।दो मासूम बच्चियां क्षयरोग एवं उपयुक्त उपचार न मिलने कारण स्वर्ग सिधार गई। 15 रुपए मासिक पर शिक्षिका की नौकरी की। क्रान्तिकारी की पत्नी होने के कारण अडोसी पडोसी […]
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