सृजना इस समय प्रदेश की प्रमुख साहित्यिक संस्था है जिसने पिछले कई वर्षो से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर दर्शकों और पाठकों की एक लंबी परंपरा का निर्माण किया है। सृजना रचनात्मक कार्य कर समाज को बेहतर बनाने की दिशा में अनवरत सक्रिय है नवांकुर कवियों की रचनाओं का निःशुल्क प्रकाशन इसी अनवरत की एक और मंजिल है। सृजना नवांकुर योजना भी सृजना का एक प्रयोगधर्मी कार्य है,जिसमें अखिल राजस्थान स्तर पर उन कवियों की रचनाओं को सम्मिलित किया गया है जो. कविताएँ तो लिखते हैं पर जिनकी कोई स्वतन्त्र पुस्तक प्रकाशित नहीं हुई है। आशा है सृजना के इस रचनात्मक प्रयास का सृजन संसार में स्वागत होगा। इस पुस्तक में 51 कवियों की कविताएँ शामिल की गई हैं।
पुस्तक के संपादक मण्डल में डा.हरीदास व्यास प्रधान संपादक, डा.नीना छिब्बर संपादक है और सह संपादक श्रीमती सुषमा चौहान एवं श्रीमती प्रगति गुप्ता हैं।
पुस्तक के प्रायोजक “माथुर एंड माथुर लाँ फर्म” के श्री अंकुर माथुर और श्रीमती जूही माथुर है।
सृजना नवांकुर में सभी रचनाकार प्रतिष्ठित है ,सहित्य जगत में विशेष पहचान है वही इस पुस्तक में युवा विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया गया इन की कविताएं भी दिल को छूने वाली हैं।
सतेंद्र छिब्बर कोषाध्यक्ष सृजना कला, संस्कृति, शिक्षा विमर्श मंच मोहयाल मित्रम् की ओर से सृजना नवांकुर के संपादक मण्डल, प्रायोजक एवं सृजना कला, संस्कृति, शिक्षा विमर्श मंच कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा सृजना प्रकाशन योजना के अंतर्गत सृजना नवांकुर के सफल प्रकाशन की बधाई।
अशोक दत्ता संपादक मोहयाल मित्रम्