पश्चिम बंगाल में क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी वीर विरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय रक्तक्रांति सम्मान समारोह में यमुनानगर हरियाणा के डॉ. संजीव मेहता छिब्बर को सम्मानित किया गया
निमती एस टी स्पोटिंग क्लब कालचिनी अलीपुरद्वार पश्चिम बंगाल द्वारा आदिवासी क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी वीर बिरसा मुंडा अंतर्राष्ट्रीय रक्तक्रांति रक्तदान सम्मान समारोह 2023 एंव रात्रि रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
जिसमें भारत के, पंजाब , हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आसाम नागालैंड, तमिलनाडु,दमन दीव,व पड़ोसी देश नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, सऊदी अरब के रक्तदानियों व समाजसेवियों को अंतर्राष्ट्रीय रक्तक्रांति रक्तदान सम्मान-2023 देकर सम्मानित किया गया । जिसमे मुख्य अतिथि 1971 भारत- पाक युद्ध के महानायक व सेना मेडल से सम्मनित कर्नल हेम सिंह शेखवात बीकानेर (राजस्थान) व भारत की श्रेष्ठ रक्तदानी महिला वैशाली रक्तदानी अहमदाबाद (गुजरात) व कार्यक्रम के सूत्रधार शतकवीर रक्तदाता रंजीत मिश्रा अलीपुरद्वार जी के हाथों से हरियाणा राज्य की समाजसेवी संस्था स्माइल फाउंडेशन के संस्थापक व अध्यक्ष डॉ. संजीव मेहता छिब्बर जी को अभी तक 104 बार रक्तदान करने के लिए, 200 से ज्यादा रक्तदान शिविर ने 9000 यूनिट व वाट्सअप व कॉल के मध्यम से आपातकालीन समय मे लगभग 8500 यूनिट , डेंगू मरीजो के लिए अब तक 700 यूनिट प्लेटलेट्स जम्बो पैक उपलब्ध करवाने के साथ-साथ डेंगू, मलेरिया, करोना कार्यकाल,सर्दी के मौसम में जरूरतमंदों को गर्म कपड़े वितरण करने एवं गरीब बच्चो के पढ़ाई में आर्थिक सहायता का सहयोग करने के लिए सम्म्मनित किया गया। इस रात्रि रक्तदान शिविर में देश के सभी राज्यों एवं नेपाल , भूटान से आये हुए रक्तदानियो ने भी रक्तदान किया जिसमें 111यूनिट एकत्रित किया गया। रक्त दान शिविर आयोजित करने से पहले सभी राज्यों से आए हुए रक्तदानियो ने अपने अपने राज्य के नाम के बैनर लेकर निमिती कस्बे में दो किलोमीटर की विशाल रैली निकालकर आदिवासी लोगो को भारत देश की अनेकता में एकता एवं रक्तदान करने के प्रति जागरूक किया। मुख्य अतिथि कर्नल हेम सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में कहा कि रक्त दान ही एक ऐसा माध्यम है जो अलग-अलग राज्यों, धर्मों भाषाओं,जातियों को एक साथ जोड़ने का कार्य करता है ब्लड बैंक में जाकर रक्त लेते समय ये कोई नहीं पूछता कि ये रक्त किस धर्म या जाति विशेष का है इस प्रकार के सम्मान समारोह हर राज्य में होने चाहिए ताकि भारत की एकता और ज्यादा मजबूत किया जा सके । कार्यक्रम के सूत्रधार रंजीत मिश्रा ने बताया कि क्रांतिकारी वीर बिरसा मुंडा ने आदिवासी लोगो बैगारी प्रथा से मुक्ति दिलाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया । और वो अंग्रजों के खिलाफ संघर्ष करते हुए काफी बार जेल गये । आज भी आदिवासी लोग क्रांतिकारी बीर बिरसा मुंडा को अपना भगवान मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं
पश्चिम बंगाल में क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी वीर विरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय रक्तक्रांति सम्मान से सम्मानित: डा.संजीव मैहता छिब्बर