14 सितम्बर को स्कूलों, संस्थानों और संगठनों में हिंदी दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। यह दिन हर साल राष्ट्रीय भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। इस अवसर पर कविता पाठ, निबंध लेखन प्रतियोगिता, वाद-विवाद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसी विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें हिंदी की समृद्धता को रेखांकित किया गया। वक्ताओं ने हिंदी को एकता की भाषा बताते हुए छात्रों और युवाओं को इसे दैनिक जीवन में गर्व से अपनाने के लिए प्रेरित किया।
हिंदी दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया जिसमें भारत की विविध समुदायों को जोड़ने में इस भाषा के महत्व को रेखांकित किया गया। शिक्षकों और विशिष्ट अतिथियों ने ज़ोर देकर कहा कि वैश्विक भाषाओं को सीखना जितना महत्वपूर्ण है, हिंदी का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि यह लोगों को एक-दूसरे से जोड़ती है। कार्यक्रम का समापन प्रतियोगिता विजेताओं को पुरस्कार वितरण और हिंदी साहित्य की समृद्धता को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुआ।
प्रसिद्ध द्वारका-आधारित लेखक अशोक लव ने इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए हिंदी के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हर राष्ट्र अपनी संस्कृति और परंपराओं से पहचाना जाता है और भाषा उस बंधन को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हमारा देश हिंदी से पहचाना जाता है, जो लेह-लद्दाख से लेकर अंडमान-निकोबार तक, जैसलमेर से लेकर मणिपुर तक दूर-दराज़ के राज्यों को जोड़ती है।” उन्होंने यह भी स्मरण कराया कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हिंदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक और अशफाक उल्ला खान जैसे नेताओं को जनता से जुड़ने में मदद मिली।
उन्होंने यह भी बताया कि 14 सितम्बर 1949 को संविधान के अनुच्छेद 343(1) के तहत हिंदी को अंग्रेज़ी के साथ राष्ट्रीय भाषा के रूप में आधिकारिक रूप से अपनाया गया और आने वाली पीढ़ियों के लिए हिंदी को मज़बूत बनाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में इसके शिक्षण पर अधिक ज़ोर देने की आवश्यकता पर बल दिया।
आज की तेज़ी से बदलती दुनिया में हिंदी सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली भाषाओं में से एक बन गई है और संचार का महत्वपूर्ण साधन है। हमारे प्रधानमंत्री और कई अन्य प्रतिष्ठित नेता अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी में भाषण देते हैं। प्रवासी भारतीय समुदाय भी अब अपने बच्चों को हिंदी सिखाने लगा है। अमेरिका यात्रा के दौरान मैंने हिंदी दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रमों में भाग लिया। मेरे दो साहित्यिक कार्य ‘नंदिता अभिनव’ और ‘फाँस में ज़िंदगी’ का उद्घाटन 14 सितम्बर को क्लीवलैंड (अमेरिका) में हुआ। हिंदी ऐसी भाषा है जो हमारे दिल और आत्मा से जुड़ी है, इसलिए इस दिन को मनाया जाता है जबकि वास्तव में हर दिन हमारी राष्ट्रीय भाषा का उत्सव है।
अपने जीवनकाल में हमें जितनी भाषाएँ हो सके सीखनी चाहिए। प्रत्येक भारतीय भाषा का अपना इतिहास और अपनी अनोखी सुंदरता है। हमें प्रत्येक भारतीय भाषा पर गर्व है, परंतु हिंदी वह भाषा है जो आम लोगों को अभिजात वर्ग की भाषा से जोड़ती है। यह विश्व की दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है और हमें इस पर गर्व है।
— अशोक लव
सूर्या अपार्टमेंट, सेक्टर-6
“अशोक लव ने मोहयाल मित्र के हिंदी विभाग का संपादन दो दशक से अधिक समय तक सफलतापूर्वक किया और अपनी उत्कृष्ट लेखनी से हिंदी पाठकों की बड़ी संख्या को पत्रिका से जोड़े रखा”
अशोक दत्ता, सचिव , जालंधर मोहयाल सभा