भोपाल: माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकार विश्व विद्यालय में नवागत छात्रों के लिए तीन दिवसीय आयोजित अभ्युदय के तीसरे दिन के द्वितीय सत्र में विधि विशेषज्ञ शिखा छिब्बर ने अपने संबोधन में कहा कि पत्रकारों को कानून की प्रारंभिक जानकारी अध्ययन में दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि गतवर्ष जुलाई में तीन नए आपराधिक कानून लागू हुए हैं, जिनमें पीड़ित की सुरक्षा और संरक्षण के विशेष प्रावधान शामिल हैं।
इन कानूनों में विशेषकर महिला पीड़ितों को ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने की सुविधा दी गई है। साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही देने का प्रावधान भी जोड़ा गया है। पुलिस को जवाबदेह बनाया गया है और गवाहों की सुरक्षा की व्यवस्था भी की गई है।
छिब्बर ने कहा कि पत्रकारों को इस विषय पर विशेष ध्यान देना चाहिए कि पीड़ित को न्याय मिले। उन्होंने जोर देकर कहा कि समाचार प्रकाशित करते समय सनसनीखेज हेडिंग न बनाई जाए जिससे पीड़ित भयभीत हों। समाचार का प्रकाशन पीड़ित को न्याय दिलाने में सहायक होना चाहिए, न कि आरोपी को महिमामंडित करने वाला।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने भारतीय दंड संहिता को अपराधियों को दंड देने के लिए बनाया था, लेकिन अब नए कानूनों को भारतीय न्याय संहिता और नागरिक सुरक्षा का नाम दिया गया है। इनका उद्देश्य अपराधियों को दंड देना और पीड़ितों को न्याय दिलाना है।
पत्रकारों को कानून की प्रारंभिक जानकारी देने का जो प्रयास नवसत्र में किया जा रहा है, वह सराहनीय है।