मोहयाल सभा करनाल के प्रधान मैहता एमएस वैद ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ मोहयाल रत्न पीके दत्ता को सम्मानित किया और संबोधित करते हुए कहा :-
मोहयाल रत्न श्री पीके दत्ता जी से मेरी पहली मुलाकात मोहयाल मिलन समारोह करनाल में हुई । आप एक सरल जीवन व्यतीत करतें हैं। आप एक ऐसी शख्सियत हैं जो सदैव मोहयाल समुदाय की भलाई के लिए तन मन धन से कार्य कर रहें हैं इसमें कोई दो राय नहीं हैं।
जब आपका करनाल मोहयाल मिलन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आना हुआ तो मैंने देखा आपने मोहयाल भवन में प्रवेश होने से पहले भवन के मुख्य द्वार पर माथा टेका तो मैं बहुत प्रभावित हुआ। मैंने यह बात मोहयाल सभा करनाल की बैठक में बताई और कार्यवाही में दर्ज करने का प्रस्ताव रखा।
आप पंजाबी भाषी हैं इसलिए आपके लिए पंजाबी शायर संत बुल्ले शाह के दो शेयर आपकी शख्सियत और नेकनीयती पर हैं।
जे रब मिलदा नहातेयां धोतेयां, ते मिलदा ददुआ मच्छियां नूं
जे रब मिलदा जंगल फिरेयां, ते मिलदा गौआँ वच्छियां नूं
जे रब मिलदा विच मसीतियां, ते मिलदा चाम चिडखियां नूं।
वे बुल्लेया रब उन्हानू मिलदा, निआता सचियां अच्छियां नूं ।।
दूसरा शेयर बुल्लेशाह का आपके दोस्ती निभाने के तरीके पर हैं:-
चढ़ चढ़ इलम मसीतियां नां रखाया काजी,
कर कर हज मक्के मदिने नां रखाया हाजी,
बुल्या कि खटैया इस जग दे अन्दर, जे जग दे अन्दर यार न किता राजी।।
अतः में मैं मोहयाल सभा करनाल की कार्यकारिणी की ओर से आपके उत्तम स्वास्थ्य, दीघार्यु की करता हूँ । परम पिता परमात्मा आपको मोहयाल समुदाय की सेवा करनें और मार्ग दर्शन की शाक्ति प्रदान करें।
मोहयाल सभा करनाल आपको मोहयाल रत्न मिलने पर आज हम आपको संमानित करनें पर गौरवान्वित महसूस करतें हैँं।
जय मोहयाल.