अमर बलिदानी हकीकत राय ने धर्म के लिए अपनी कुर्बानी दी
1719 में सयाल कोट (पाक) जन्में में वीर हकीकत राय पुरी ने मात्र 15 वर्ष की आयु में अपना जीवन कुर्बान कर दिया लेकिन अपना धर्म नहीं छोड़ा….रवि बख्शी
वीर हकीकत राय को बसंत पंचमी के दिन 4 फरवरी 1734 को सिर काटकर शहीद कर दिया था उनकी शहादत देश के करोड़ों युवाओं के लिए सदियों से प्रेरणा देने का काम कर रही है।
अमर बलिदानी धर्मवीर हकीकत को कम लोग ही जानते हैं और जो जानते भी हैं वह भी उनकी शहादत को बुला चूके हैं।
हकीकत राय पुरी ने अपना बलिदान देकर हमेशा के लिए अमर हो गए ।वीर हकीकत राय ने अपने धर्म को अपने जीवन से बड़ा माना और धर्म की रक्षा के लिए अपनी जिंदगी को कुरबान कर दिया। अब बसंत पंचमी का त्योहार महज पतंग बाजी तक सीमित रह गया है ना इसकी और नेता ध्यान देते हैं और ना ही स्थानिय प्रशासन।
