मोहयाल मित्रम के 3 साल पूरे होने पर अशोक दत्ता जी और मोहयाल मित्रम की पूरी टीम को दिल से लाख लाख बधाई। मैं जब अमेरिका में भी था तो भी मोहयाल मित्रम में सभी लेखों को बड़े शौक और चाव के साथ पढता था। इसका लेखन , रोचक सामग्री और दी गई विस्तृत जानकारी मुझे जैसे हर आयोजन से रूबरू करा देती थी। इसके सहयोग से ही कितनी प्रतिभावान और मोहयाल सख्शियतों के बारे में भी पता चला जिससे गर्व से सीना और चौड़ा हो गया। कुछ बातों के लिए मैं मोहयाल मित्रम की विशेष प्रशंसा करना चाहूंगा वो है विषय का चयन, मर्यादित और सटीक शब्दों में लेखन और इसी के साथ रोचक और माकूल चित्रों का सम्पादन। इस पत्रिका को लेकर मेरे और जो भाव है वो मेरे बेटे संदीप छिब्बर की कविता में भी सही उदगार हो रहे है
सैदेव प्रेम और भाईचारे का ही यह पैग़ाम देता है
दिलों को चैन और पढ़ के रूह को आराम देता है
मोहयाल मित्रम की जितनी करो तारीफ कम है
मोहयालों से जुडी हुई जानकारियां तमाम देता है
जो लोग कर रहे है काम मोहयलियत की खातिर
उनको शाबाशी, अहमियत और एहतेराम देता है
कुछ गुमनाम कलाकार छुपे हुए हमारे परिवारों में
कला को उनकी आगे ला कर उनको नाम देता है
मिले जानकारी धार्मिक सामाजिक कार्यो की भी
घर बैठे ही विस्तृत जानकारी दे घुमा धाम देता है
हम सबको कितना पास ले आया यह 3 सालों में
बधाई और दुयायें दिल इसको सुबह शाम देता है
बहुत बहुत शुभकामनायें
सतीश कुमार छिब्बर