फिल्म जगत में मोहयालों ने अपना नाम और पहचान अपनी प्रतिभा के बल और शानदार प्रदर्शन से जो मुकाम हासिल किया आज भी फिल्म जगत के सुनेहरी पन्नों में अंकित हैं।
फिल्म फेयर अवार्ड से संमानित अभिनेत्री नरगिस दत्त एवं वैजन्तीमाला बाली,अभिनेता सुनील दत्त ।
बेस्ट फोटोग्राफर अशोक मैहता। फिल्म निर्माता और निर्देशक बख्शी राम प्रकाश छिब्बर(पंछी) ओपी दत्ता, जेपी दत्ता ।
गीतकार अंनद बख्शी। फिल्म कहानीकार चौधरी रामाशंकर दत्त, पंडित तुलसी दास दत्त, पीएन बाली रंगीन, आनंद दत्ता।
फिल्म निर्माता बख्शी जंग बहादुर छिब्बर ।
हास्य अभिनेता कमेडियन ओम् प्रकाश छिब्बर से सभी मोहयाल भाई बहन परिचित होगे पर एक नाम जिससे आप परिचित नहीं होगें वह हैं हरफनमौला अशोक वैद उर्फ जुगनू जिसने लगभग चार सौ फिल्मों में कमेडियन का रोल किया।
एक समय था जब हर फिल्म में जुगनू का दमदार रोल हुआ करता था। सबसे बडी बात हर फिल्म में इनका गेटअप अलग हुआ करता था।
अशोक वैद से मिलकर और बात करनें से आप महसूस करेंगे जैसे आप वर्षों से जानते हैं। कुछ दिन पहले अशोक वैद से बातचीत हुई । मैंने उनसे कहा ? ओल्ड एज गोल्ड (पुरानी फिल्मों) में जुगनू के नाम से अभिनय करतें देखा पर अशोक वैद से जुगनू कैसे बने और संक्षेप में बताएं अपना फिल्मी सफर ।
अशोक वैद ने बताया ” विभाजन से पहले हम जम्मू कश्मीर में थे ,हमारा परिवार बडा संपन्न था दादा जी डाक्टर थे जोकि डाक्टर बख्शी से प्रसिद्ध थे।
विभाजन के पश्चात पंजाब के लुधियाना शहर में आ गयें । पिता जी बीए बीटी थें यहां के आर्य स्कूल में टीचर लग गए। इसी स्कूल में मैंने ग्यारहवीं तक पढाई पूरी की बाद में आर्य कालेज में एक साल ही पढाई करने के बाद कालेज को अलविदा कर दिया।
अशोक वैद ने फिल्मी सफर के बारे बताया ” बचपन में बडा नटखट था ,डांस करना, फिल्मी गाने गाना ,हंसीमजाक करना मेरा दिनचर्या था । मोहल्ले की महिलाएं और पुरूष मुझे बहुत प्यार करती और मुझे डांस करने और फिल्मी गाने सुनाने के लिए कहती ।
जब बडा हुआ तो रामलीला के मंच पर हर रोल निभाने लगा ।
पढाई में दिल नहीं लगता था सभी मुझे एक्टर कहने लगे और में भी एक्टर बनने के सपने देखने लगा मेरा एक्टर बनने का सपना ऐसे साकार हुआ ” एक दिन अपने बडें भाई सुभाष वैद के साथ मार्किट में गया रास्ते में मेरे भाई जिस मोटर स्पेयर्स के लिए काम करते थे उस के मालिक चोपड़ा जी से परिचय करवाया । बातों बात में चोपड़ा जी ने मेरी प्रतिभा का अनुमान लगाने के बाद कहा आपके भाई के लिए लुधियाना नहीं बम्बई हैं। ऐसे में मेरा उत्साह बडा और एक दिन लुधियाना से बम्बई के लिए तैयार होकर स्टेशन पर पहूंचा तो बडी संख्या में मोहल्ले के लोग जिनका मैं चेहता था बम्बे एक्सप्रेस अब दादर एक्सप्रेस पर छोडने के लिए पहुंच गए । स्टेशन पर भीड़ को देखकर एएसएम से स्टेशन मास्टर ने पूछा ? ” भीड़ क्यो लगी हैं” । एएसएम ने बताया – एक लडका फिल्म एक्टर बनने के लिए बम्बई (मुंबई) जा रहाहै । स्टेशन मास्टर पुरी ने मुझे देखा और गाडी को रूकवा कर अपने हाथ से एक पत्र लिख कर दिया और कहा मेरा भांजा फिल्म डारेक्टर हैं उसे यह पत्र दे देना ।
मैने वह पत्र डारेक्टर मौला को दिया वह खुश हो गए कहा यह पत्र मेरे मामा जी का हैं उनकी मदद से एक फिल्म में रोल मिल गया । मुझे अविनाश जी की सिफारिश से फिल्म पत्रिका में काम करने का अवसर मिला तो मैंने पत्रकारिता करते हुए उस समय के नामीगिरामी फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों से जान पहचान बढाते हुए फिल्म जगत में मेरे लिए स्पेशल रोल लिखे जाने लगे। अब तक लगभग चार सौ फिल्मों में कमेडियन का रोल कर चुका हुं।
अशोक वैद ने बताया जब मै रामानंद सागर की फिल्म के लिए गया तो उन्होंने मेरा नाम पुछा तो मैने कहा मच्छर सभी चकित होकर पुछने लगे मच्छर मैने कहा जी मच्छर तब उनके भाई ने कहा मच्छर के साथ लालटेन लगादे तभी सभी हंस कर बोले जुगनू तब से मेरा नाम हर फिल्म में जुगनू लिखा जाने लगा और सभी अशोक वैद को नहीं जुगनू को जानने लग गए।
अशोक वैद जुगनू के बारे और इनकी फिल्मों और फिल्मों में निभाएंगे अभिनय के बारे अगर लिखना शुरू करूं तो शब्द कम पड जाएंगे।
आज जुगनू असी साल के है इन्होंने साठ साल फिल्मों काम किया। आज उस समय के सुपर फिल्म अभिनेता और अभिनेत्रियों की सुनेहरी यादें सिने माहौल में इंटरव्यू द्वारा प्रस्तुत कर रहे हैं। सभी चाहनेवाले शुभचिंतकों के अनुरोध पर आप बीती बता रहे हैं।
अशोक वैद जुगनू की आपबीती के वीडियो मोहयाल मित्रम् में
दिये जाए गें।
अगर आप के मन में अशोक वैद जुगनू के बारे जानने की जिज्ञासा हो तो मोहयाल मित्रम् के कामेंट बाक्स में लिखे।
अशोक दत्ता सचिव जालंधर मोहयाल सभा