मोहयालों को जाने प्रतियोगिता नं. 8 का परिणाम घोषित

मोहयाल समाचार मोहयालों को जाने प्रतियोगिता
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मोहयालों को जाने प्रतियोगिता नं.8 के उत्तर:-

प्रश्न नं. 1:- मोहयालों का इतिहास (History of Mohyals) के लेखक का नाम बताएं।
उत्तर :- पीएन बाली ।
प्रश्न नं. 2:- मोहयाल मित्र के मुख्य संपादक का नाम बताएं
उत्तर:- प्रमोद कुमार दत्ता ।
प्रश्न नं. 3:- मोहयाल मित्र उर्दू भाषा में भी प्रकाशित होता था उसके संपादक ( Editor) का नाम बताएं।
उत्तर :- मोहयाल मित्र उर्दू के संपादक कई रहें पर विभाजन के बाद सबसे ज्यादा समय जीएल दत्ता ‘जोश’ रहें । ‘जोश’ साहब ने जीएमएस के पदाधिकारी रहते हुए स्थानीय मोहयाल सभाओं में भ्रमण करते हुए मोहयाली एकता और भाईचारे को सुदृढ़ बनाने का कार्य किया ।
प्रश्न नं.:- 4:- मोहयाल मित्र हिंदी विभाग के पूर्व संपादक अशोक लव से पहले मोहयाल मित्र हिंदी विभाग के संपादक का नाम बताएं।
उत्तर :- मोहयाल मित्र की प्रथम संपादिका उमा दत्ता  थी।

प्रतियोगिता नं. 8 के विजेता:-

1..पवन दत्ता , कोटकपूरा, पंजाब ।
2.. कौशल दत्ता , जी-16/1 मालवीय नगर नई दिल्ली ।
3..प्रमोद कुमार बाली, यमुनानगर, हरियाणा ।
4..तनु मैहता, अशोक विहार, दिल्ली ।
5..सुभाष छिब्बर, 6303- आर्मी फ्लैट, राजीव विहार, मनीमाजरा, चंडीगढ़ ।
6..एल.पी .मैहता, एडवोकेट, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड ।

स्व.श्री जीएल दत्ता ‘जोश’ जरनल मोहयाल सभा के सक्रिय सदस्य थे इन्होंने जरनल मोहयाल सभा की निष्काम सेवा की मुझे ‘जोश’ साहब से कई बार मिलने का समय मिला वह सदा मोहयालियत पर चर्चा करते । ‘जोश’ ने मोहयाल मित्र के उर्दू संपादक रहते हुए अपने लेखों और कविताओं (नज्मों) से सदैव मोहयालियत की चेतना जागृत की । स्थानीय मोहयाल सभाओं में जा जा कर आपसी एकता और भाईचारे को मजबूत बनाया और जीएमएस के कार्यों का व्याख्यान किया एक तरह से जीएमएस के प्रचारिक के तौर पर निस्वार्थ भाव से कार्य किया आज भी ‘जोश’ साहब का नाम उनकी पहचान हैं। बतादें ‘जोश’ साहब जीएमएस के उपाध्यक्ष ,सचिव रिश्ते-नाते एवं सचिव प्रोपेगैंडा रहें। जिसे अब पीआरओ कहते हैं। जीएमएस अध्यक्ष रायजादा बीडी बाली ने जो भी जिम्मेदारी सौंपी उसे बाखूबी निभाया ।

उमा दत्ता मैहता जीएल दत्ता ‘जोश’ की प्रतिभाशाली बेटी थी । पत्रकारिता का डिप्लोमा करने के पश्चात जीएमएस की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया मोहयाल मित्र के उर्दू को पढने वाले कम मोहयाल हैं इसके स्थान पर हिंदी को महत्व दिया जाए । इसके लिए संपादन की जिम्मेदारी बडी कुशलता से उमा दत्ता ने निभाई । उमा दत्ता का विवाह छिब्बर परिवार में हुआ कुछ समय पश्चात वर्ष 1988 में निधन हो गया ।स्वर्गीय श्रीमती उमा छिब्बर की पहली बात पुस्तक को जी.एल.दत्ता ‘जोश’ ने पुस्तक प्रकाशित करवाई थी। उस पुस्तक का खुबसूरत टाईटल ।

विशेष सूचना:- मोहयालों को जाने प्रतियोगिता में भाग लेते रहे । मोहयाल मित्रम् .काँम की वर्षगांठ (जुलाई में होने पर Top Ten Mohyal घोषित करते हुए उनके फोटो प्रकाशित किए जाएंगे।

 

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