16 अक्टूबर : छिब्बर जाति भृगु गौत्र ने गांव दिवाली कंगनीवाल में जठेरो की समाध पर बडी श्रद्धा से पुजा अर्चना करते हुए नतमस्तक होकर सुख समृद्धि की कामना की।
देश विदेश और पंजाब प्रांत से छिब्बर जाति ( मोहयाल ब्राह्मण) परिवार के सदस्य सुबह पहुंचकर हवन पुजा में उपस्थित हुए ।
कंगनीवाल और लांबडा के मोहयालों के सहयोग से सुबह नाश्ता दोपहर को अटूट लंगर की व्यवस्था की गई। विवेक छिब्बर, बब्बू छिब्बर,विशाल छिब्बर, कुकू छिब्बर, प्रवीण छिब्बर अपने साथियों के साथ बडे सेवा भाव से कार्यरत थे ।
कुकू छिब्बर और प्रवीण छिब्बर ने जठेरो (पूर्वजों) के बारे में संक्षेंप जानकारी देते हुए बताया ,कंगनीवाल के दो भाई संत राम और बसंत राम थे उनके पूर्वजों की समाध है इस स्थान की जानकारी उन्हीं के परिवार की बजुर्ग माता को स्वप्न आया ,माता ने वह स्वप्न अपने परिवार को बताया, परिवार ने बताएं गए स्थान की खुदाई की तो उन्हें कुछ वस्तुएं मिली फिर परिवार को विश्वास दृढ़ होगया परिवार ने ज़मीनदार से वह जगह लेकर उसपर समाध बना कर पूजा करनी शुरू की तो परिवार मे सुख स्मृद्धि आनी शुरू हो गई। परिवार हर साल इकट्ठे होकर अपने जठेरो को नतमस्तक होते परिवार बढतें गए यह स्थान खेतों में था सडक से पगडंडियों से चलकर पहुंचना पडता था।
छिब्बर परिवारों के प्रयास से मुख्य सडक से समाधि स्थल तक इट्टो की सडक बनवाई गई एक बोर्ड सडक के किनारे लिखवाया गया “जठेरे छिब्बर परिवार कंगनीवाल गांव दिवाली ” इससे आने जाने वाले मोहयाल परिवार पढते जब कोई छिब्बर परिवार अपने जठेरो के बारे पूछताछ करता तो उसे बता दिया जाता । इसका प्रचार बढा तो दूर दूर से छिब्बर परिवार नतमस्तक होने के लिए आने शुरू होगए । प्रवीण छिब्बर ने बताया हम मूल रूप से कंगनीवाल के है अब लांबडा शिफ्ट होगए है। यह स्थान कंगनीवाल के छिब्बर परिवार के पित्रों (जठेरो) का हैं । यह हमारे संस्कार है हम सभी अपने बड़ों को नमन करतेहैं । हर साल संख्या बढ रही हैं। छिब्बर परिवार के जठेरे अन्य स्थानों पर भी होगे अगर आप की जानकारी में कोई हैं तो उसका इतिहास सांझा करें । बहुत से छिब्बर परिवार अपने जठेरो की खोज में है ।
इस बार भी बडी संख्या में छिब्बर परिवार उपस्थित हुए होशियारपुर से रेनू छिब्बर परिवार सहित एवं शौर्य छिब्बर, सरहिंद से एडवोकेट विजय छिब्बर जालंधर शहर से मदन मोहन छिब्बर, एस.पी.बख्शी, एडवोकेट सी.के.छिब्बर ,वंदना छिब्बर संदीप छिब्बर ,अंनू छिब्बर, अंशु छिब्बर ,राज छिब्बर दत्त, स्वतंत्र छिब्बर विशाल छिब्बर के अलावा लांबडा से लगभग सभी छिब्बर परिवार उपस्थित रहे।