मैंने हाल ही में हरिद्वार में स्थित मोहयाल आश्रम में एक दिन बिताया, जो एक अविस्मरणीय अनुभव था। आश्रम की भव्यता और साफ-सफाई ने मुझे बहुत प्रभावित किया।
मैं अपनी पत्नी नीरज दत्ता के साथ 11 फरवरी को जालंधर से हरिद्वार के लिए रवाना हुआ। हमने ऋषिकेश से नीलकंठ होते हुए मोहयाल आश्रम में पहुंचे। आश्रम के रिसेप्शन पर हमने अपना आधार कार्ड दिखाया और अपने पहले से बुक किए हुए कमरे में चले गए।
आश्रम के कर्मचारियों का व्यवहार बहुत अच्छा था। हमने खाना खाया और कुछ समय आराम करने के बाद शांति कुंज और आसपास के दर्शनीय स्थलों का दौरा किया। रात्रिभोज के बाद हमने 12 फरवरी को नाश्ता किया और पातांजली योगपीठ का दौरा किया। वहां से वापसी पर हमने मंशादेवी मंदिर के दर्शन किए और फिर मोहयाल आश्रम से अपना समान लेकर प्रस्थान कर दिया।
मोहयाल आश्रम में बिताया गया एक दिन यादगार रहा। आश्रम की साफ-सफाई, स्वादिष्ट भोजन, भोजन परोसने का तरीका, और कर्मचारियों का व्यवहार सभी सराहनीय थे। मैंने महसूस किया कि मोहयाल आश्रम में रहना एक गौरवान्वित अनुभव है। जब भी आप हरिद्वार जाएं, मोहयाल आश्रम में रहने का अवसर जरूर प्राप्त करें और अपने अनुभव मोहयाल मित्रम् में साझा करें।
राजीव दत्ता.. जालंधर शहर