वीर हकीकत राय ने शरीर छोड़ दिया लेकिन धर्म ना छोडा़ : रवि बख्शी

मोहयाल समाचार
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सहारनपुर 2 फरवरी। देश और समाज के लिए जीने मरने वाले भारत में एक नहीं अनेक महापुरुष हुऎ हैं ऐसे ही कोम की खातिर अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले धर्मवीर हकीकत राय बसंत पंचमी के दिन अपना बलिदान देकर हमेशा के लिए अमर हो गए।

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आज हकीकत नगर चौक स्थित उनकी मूर्ति के समक्ष श्रद्धा भाव से समाजसेवी संजीव मिढा,
जितेंद्र परुथी, विजय त्यागी रोमी मिढा, विनोद खुराना, मोहित छाब्रा विनय छाबड़ा, राकेश कुमार ने पुष्प माला अर्पित कर नमन किया।
इस अवसर पर पार्षद सरदार राजेंद्र सिंह कोहली ने कहा आज़ादी की महक आज जो हम ले रहे हैं कहीं बलिदानो के खून से लथपथ है ऐसे युवा वीर हकीकत राय जिन्होने मात्र 15 वर्ष की आयु में धर्म की खातिर अपना बलिदान दिया रहती दुनिया तक हम इन्हें सदैव याद करेेंगे और हम सब आने वाली पीढ़ी को भी बताएं की ऐसी महान आत्मा भी हुई है।
साहित्यकर रमेश चंद्र छबिला ने कहा वीर हकीकत राय को बसंत पंचमी के दिन 4 फरवरी 1734 को सिर काटकर शहीद कर दिया था उनका बलिदान देश के करोड़ों युवाओं के लिए सदियों से प्रेरणा देने का काम कर रहा है।
सारंग सामाजिक संगठन के महासचिव रवि बक्शी ने कहा धर्मवीर हकीकत राय ने छोटी सी उम्र में धर्म के लिए अपनी कुर्बानी डे दी उसने शरीर छोड़ दिया लेकिन धर्म ना छोड़ा वीर हकीकत राय ने अपने धर्म को अपने जीवन से बड़ा माना और धर्म की रक्षा के लिए अपनी जिंदगी को कुर्बान कर दिया।
समाजसेवी रमेश चंद्र शर्मा, विजय त्यागी,सुरेंद्र मोहन कालडा, अमित सेठी ने भी ने भी बताया की भारत माता की रक्षा के लिए मर मिटने वालों की हमारे देश में एक सुदीर्ग परंपरा रही है ऐसे कहीं सुरमा हुऎ जो देश धर्म व समाज के लिए ही पैदा हुऎ तथा अपना सब कुछ बलिदान कर दिया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से जोगेंद्र धवन ,अशोक कुमार ,राकेश कुमार ,डॉक्टर परवीन आदि उपस्थित रहे।
संचालन रवि बख्शी

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