मोहयाल मित्रम्(सुरजीत मोहन) बीते दिनों चेत्रमास की चातुदशी 7 अप्रैल दिन रविवार को जालंधर के समीप गांव लांबडा में बडी़ गिनती में मोहन मोहयाल ब्राह्मण जाति के परिवार अपने पूर्वज को नतमस्तक होने के लिए बडी़ संख्या में उपस्थित हुए। सुबह बडी़ श्रद्धा से हवन पूजन किया गया उसके पश्चात महिलाओं द्वारा भजन कीर्तन किया गया ।
नवविवाहित एवं नवजात बच्चों के माता पिता इस विशेष दिन पर आकर नतमस्तक हो कर अपने पूर्वजों का आर्शीवाद प्राप्त करतें हैं । चंडीगढ़ से अंकुर मोहन ने अपने नवजात पुत्र ज्योतिर मोहन को माथा टेका कर उज्वल भविष्य के लिए आर्शीवाद मांगा।
कार्यकारी कमेटी के द्वारा शानदार व्यवस्था की गई थी। दोपहर को लंगर का अटूट वितरण किया गया।
हवन पूजन में वशिष्ठ मोहयाल मास्टर सतीश मोहन(पूर्व सरपंच) चौधरी शाम मोहन,केवल कृष्ण मोहन,मनोहर लाल मोहन,गौतम मोहयाल सदस्य जीएमएस मैनेजिंग कमेटी एवं प्रधान मोहयाल सभा लांबडा उपस्थित रहें।
मोहन जाति के पूर्वज आज से लगभग तीन सौ साल पहले ममदोट से लांबडा आये थे और प्रथम व्यक्ति महाराजा लाम्बा मोहन थें जिनके नाम पर गांव का नाम रखा गया था।
इस गांव के मोहयाल परिवारों पर पूर्वज का आर्शीवाद हैं जो देश विदेश में अपनी विशेष पहचान बनाएं हुए हैं।
कार्यकारी कमेटी का सफल संचालन महिलाओं के हाथ में है चेयरमैन विजय मोहन,वाईस चेयरमैन पूनम मोहन, प्रेजिडेंट शमा मोहन और कैशियर स्नेह मोहन हैं।
सुरजीत चन्द्र मोहन