चेतन छिब्बर की जुबानी: मेरी मां राम मंदिर निर्माण जीवित रहतें देख नहीं सकी

धार्मिक मोहयाल समाचार
Spread the love

“राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन की राम भक्त कार सेविका पुष्पा छिब्बर आज अपनी आंखों से भव्य राम मंदिर और 22 जनवरी को प्रभु राम जी की प्राण प्रतिष्ठा देख नहीं पाई । परिवार को हार्दिक खुशी अनुभव हो रहीं हैं वहीं इस बात का दुख हैं2018 में 82 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली , परलोक सिधारने तक वह राम मंदिर का निर्माण देखना और दर्शन करना चाहतीं थीं। आज उनकी आत्मा को शांति जरूर मिलेगी ।”
चेतन छिब्बर बेटा
पुष्पा छिब्बर एक दृढ़ इच्छाशक्ति की महिला थी। मात्र 22 साल की उम्र में पति का साया सिर से उठ गया । पति मैहता खुशबख्त राय छिब्बर भारतीय सेना में सुबेदार थे। 1965 के युद्ध में शहीद हो गयें ।उनका पार्थिव शरीर भी प्राप्त नहीं हुआ, ऐसी स्थिति में अपने आपको संभाला ,बच्चों की परवरिश करतें हुए निर्णय लिया वह समाज सेवा और बेसहारा लोगों की मदद करेगीं।उनकी मुलाकात लाला जगत नारायण हुई तो उन्होंने स्थानीय विधायक मनमोहन कालिया के पास भेज दिया। उन्होंने पुष्पा छिब्बर के समाज सेवा के समर्पित भाव को देख कर रेडक्रॉस सोसायटी का आजीवन सदस्य बना दिया।
जालंधर से बडी संख्या में रामभक्त मंदिर आंदोलन का हिस्सा बनें कुछ अपनी आंखों से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का सपना सकार होते देख रहे हैं और कुछ पुष्पा छिब्बर की तरह अंतिम सांसो तक आज का शुभ दिन देख नहीं सकें।
पुष्पा छिब्बर ने महिला उत्थान और मदद के लिए “महिला उपकार संस्था” का गठन किया।

“महिला उपकार संस्था ने राम मंदिर निर्माण में अपना योगदान दिया वहीं अब उनकी बहू प्रवीण छिब्बर संस्था को सुचारू रूप से चला रहीं।
मन्दिर निर्माण की घोषणा होने पर संस्था की मुखी प्रवीण छिब्बर ने लगभग 65 हजार रूपयें एक्त्र करके श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भेजी ।

बतादें समाज सेवा से शुरू पुष्पा छिब्बर का सफर राजनीति से राम मंदिर आंदोलन की ओर झुकाव लालकृष्ण आडवाणी से हुई मुलाकात ने काफी प्रेरित कर दिया । 1991 को एक आह्वान पर घर से अकेली एक जत्थे के साथ अयोध्या चल दी। रास्ते में उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद में सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। 13 दिन हरदोई की जेल में रखा गया । जालंधर आने पर उन्हें फिर पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर के लुधियाना जेल भेज दिया गया । हमें गर्व हैं जिस मंदिर के निर्माण में लगभग पांच सौ साल संघर्ष करना पडा उसमें हमारी मोहयाल बहन पुष्पा छिब्बर का भी योगदान रहा

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी के साथ पुष्पा छिब्बर एक मंच पर

प्रस्तुति: अशोक दत्ता

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.