मोहयाल मित्रम्: डा.अशोक लव से आप सभी परिचित होगें इन्होंने मोहयाल मित्र के संपादक रहतें हुए मोहयाल मित्र को जन जन की भाषा हिन्दी को जनप्रिय बनाने के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता कभी एक-दो पेज हिंदी भाषा के हुआ करते थे
डा.अशोक लव ने अपने संपादन काल में मोहयाल मित्र के हिंदी विभाग को नया स्वरूप दिया दिन प्रति दिन हिंदी पेज की संख्या की मांग बढती गई जिससे मोहयाल मित्र के वार्षिक सदस्यों की संख्या में बढोत्तरी हुई।
डा.लव की अनेक धार्मिक, समाजिक विषयों के अलावा स्कूली पुस्तकों में पाठ्यक्रम प्रकाशित हैं ।
डा.अशोक लव द्वारा लिखित गुरूवंदना कक्षा आठवीं की हिंदी पुस्तक के पाठ्यक्रम से
