मोहयालों को जाने प्रतियोगिता नं. 5 में 5 प्रश्न पूछे गए थे उनके उत्तर प्रकाशित किए जा रहें है :
प्रश्न नं. 1 – जरनल मोहयाल सभा की स्थापना वर्ष बताएं।
उत्तर :- जरनल मोहयाल सभा की स्थापना वर्ष 1891 बतादें शुरुआत में इसका नाम “मोहयाल मित्तर सभा” रखा गया सन् 1902 में मोहयाल मित्तर सभा नाम बदल कर जरनल मोहयाल सभा रखा गया। विभाजन के बाद 16 अगस्त 1955 को इसका रजिस्ट्रेशन दिल्ली में किया गया।
प्रश्न नं. 2 – मोहयाल रत्न अवार्ड सबसे पहले किस मोहयाल को मिला नाम बताएं।
उत्तर:- चौधरी हरनाम दास दत्त । आपकी जानकारी के लिए चौधरी हरनाम दास दत्त रेल विभाग में उच्च पदाधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त हुए उन्होंने 96 वर्ष की आयु में 48 वीं आँल इंडिया मोहयाल कांफ्रेंस की अध्यक्षता की उन्होंने मोहयाल सभा की तन मन धन से सेवा की उनके मोहयालियत को समर्पित एवं सेवा भाग को देखते हुए उन्हें मोहयाल रत्न रायजादा बी.डी .बाली भूतपूर्व अध्यक्ष जीएमएस ने वर्ष 1991 में बिरादरी का सर्वोच्च सम्मान ‘ मोहयाल रत्न’ आवार्ड प्रदान किया ।
प्रश्न नं. 3- स्वर्गीय रायजादा बीडी बाली ,जीएमएस के अध्यक्ष किस वर्ष में बने वर्ष बताएं।
उत्तर :- स्वर्गीय मोहयाल रत्न रायजादा बीडी. बाली ने वर्ष 1978 में जीएमएस के अध्यक्ष बने।
प्रश्न नं. 4- मोहयाल सभा मुम्बई ने सत्तर के दशक में एक मासिक पत्रिका निकाली जिस का प्रकाशन कई वर्षों तक चला उसका नाम बताएं।
उत्तर:- मोहयाल पत्रिका ( मोहयाल पत्रिका का विमोचन 26 जनवरी 1975 में मोहयाल मेला मुम्बई में किया गया जो लगभग वर्ष 1981 तक प्रकाशित होती रही।
प्रश्न नं. 5 – मोहयाल मित्र के संपादक के तौर पर सबसे अधिक किस मोहयाल ने अपनी सेवाएं प्रदान की नाम बताएं।
उत्तर:- डा.अशोक लव ( डा.अशोक लव ने मोहयाल मित्र ( हिंदी) संपादक के तौर पर 1987 से अगस्त 2022 तक लगभग पैंतीस वर्ष अपनी सेवाएं प्रदान की । आपकी जानकारी के लिए जब डा.अशोक लव संपादक ( हिंदी) बने तब हिंदी के दो तीन पृष्ठ छपते थे उसके बाद इनके द्वारा हिंदी संपादकीय लेख, साक्षात्कार, मोहयाल इतिहास से जुड़ी जानकारियां प्रकाशित होने लगी तब समान्य मोहयालो में मोहयाल मित्र की लोकप्रियता बढने लगी स्थानीय मोहयाल सभाएं अपनी मासिक कार्यवाही हिंदी में भेजने लगे । अध्यक्ष जीएमएस को हिंदी के पृष्ठों की संख्या बढाने के लिए बार बार अनुरोध करते पृष्ठ बढते गए आज जो मोहयाल मित्र का हिंदी प्रारूप हैं इस का श्रेय डा.अशोक लव को जाता हैं)
प्रतियोगिता नं. 5 में इसबार लगभग तीस मोहयाल भाई बहनों ने भाग लिया सिर्फ एक मोहयाल भाई ने उत्तर देकर विजेता बने।
कौशल दत्ता पुत्र स्वर्गीय श्री जी.एल.दत्ता ”जोश”
मालवीय नगर, नई दिल्ली